आनंद का अर्थ क्या है(आनंद का सिंधु)
आनंद का सिंधु- स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज | Bharat Mata
संसार में हर किसी को सुख और शांति की अभिलाषा है | जीवन की संपूर्ण यात्रा सुख और शांति के लिए है. क्योंकि हम जहां से आए हैं, वह परम शांत और सुख का स्वरूप है | सुख और शांति का अर्थ हर व्यकित के लिए अलग-अलग होता है. संसार और प्रकृति की प्रत्येक वस्तु अपने-2 कार्य में इसीलिए संलग्न है कि उसे सुख और शंति मिल सके. प्रस्तुत वीडियो में स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज इसी बात पर प्रकाश डाल रहे हैं कि आनंद का अर्थ क्या होता है और परमानंद की प्राप्ति का स्त्रोत क्या हो सकता है |
आनंद का अर्थ क्या है?
मैंने उनसे पूछा, महाराज इतनी बड़ी तपस्या कर रहे हैं, क्या चाहते हैं उन्होंने स्लैट के ऊपर लिख कर दिया सुख और शांति चाहते हैं। किसी कारखाने में जाईए तो श्रमिक से पूछिए तो उसे सुख और शांति चाहिए। उस कारखाने के उद्योगपति से पूछिए तो उसे सुख और शांति चाहिए।
स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज बताते है की संसार में हर किसी को सुख और शांति की अभिलाषा है | जीवन की संपूर्ण यात्रा सुख और शांति के लिए है. क्योंकि हम जहां से आए हैं, वह परम शांत और सुख का स्वरूप है | सुख और शांति का अर्थ हर व्यकित के लिए अलग-अलग होता है. संसार और प्रकृति की प्रत्येक वस्तु अपने-2 कार्य में इसीलिए संलग्न है कि उसे सुख और शंति मिल सके. प्रस्तुत वीडियो में स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज इसी बात पर प्रकाश डाल रहे हैं कि आनंद का अर्थ क्या होता है और परमानंद की प्राप्ति का स्त्रोत क्या हो सकता है |
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