भारत माता की इस प्रस्तुति मे उत्तराखंड के चमोली में स्थित सिखों की अटूट आस्था के प्रतीक हेमकुंड साहिब का विस्तृत वर्णन किया गया है।
भारतीय इतिहास और भव्य वास्तुकला के प्रतीक नई दिल्ली मे स्थित लाल किले को समर्पित है भारत माता की यह प्रस्तुति। राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय और मुगल वास्तु शैली से बने इस भव्य ऐतिहासिक कलाकृति लाल किला का निर्माण पाँचवे मुगल शासक शाहजहां ने करवाया था।
भारत माता की इस प्रस्तुति मे भारतीय इतिहास और संस्कृति के अद्वितीय प्रतीक भोजशाला से जुड़े विवादों का वर्णन है। इस विडिओ के माध्यम से दर्शकों को भोजशाला की वास्तविकता का ज्ञान प्राप्त होगा।
Bharat Mata की इस प्रस्तुति मे त्रिकूट पर्वत पर स्थित मैहर माता मंदिर जहाँ भक्त आल्हा और उदल आज भी मां शारदा (मैर की देवी) की प्रथम पूजा करते हैं, का अद्भुत चित्रण किया गया है।
भारत माता की इस प्रस्तुति मे भारतीय इतिहास के प्रशंसित महाविहार, भारत का प्राचीन शिक्षा केंद्र व दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय और वैदिक शिक्षा के अद्वितीय भंडार माने जाने वाले नालंदा विश्वविद्यालय का विस्तृत वर्णन है। साथ ही, इसके विनाश की कहानी और इसे पुनर्जीवित करने के प्रयास।
भारत माता की यह प्रस्तुति उत्तर प्रदेश मे स्थित व बुन्देल राजा बीरसिंह जुदेव द्वारा निर्मित झांसी के किले को समर्पित है। यह किला भारतीय इतिहास, संस्कृति, एवं अद्वितीय वास्तुकला का उदाहरण है।
कैलाश पर्वत एक प्रमुख धार्मिक स्थल है इस पर्वत को 'शिव कैलाश' भी कहा जाता है हिन्दू धर्म मे कैलाश पर्वत को महादेव का घर माना जाता है। कहते हैं की भगवान शिव और माँ पार्वती यहाँ विराजित हैं। इस पर्वत की जितनी धार्मिक महत्वता है, यह उतना ही पवित्र और रहस्यमय भी है।
हरिद्वार, भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का अनुपम परिचायक है, जो प्रकृति की सुन्दरता तथा धार्मिक महत्ता का अद्वितीय संगम है। देवभूमि उत्तराखंड का अति-महत्वपूर्ण नगर हरिद्वार, हिन्दू धर्म के अनुसार एक प्रमुख तीर्थ स्थल है
सिंहगढ़ किले को पहले के समय में कोंढाना नाम से जाना जाता था। मान्यता है कि प्राचीनकाल में सिंहगढ़ किले से पूर्व, यहाँ कौंडिन्य’ अथवा ‘श्रृंगी ऋषि’ का आश्रम हुआ करता था।
भारत में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों में से 10वां ज्योतिर्लिंग नागेश्वर है यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारकापुरी से 17 किलोमीटर दूर स्थित है. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से मिल जाती हैं नाग दोष से मुक्ति, जानिए पौराणिक कथा | Bharat Mata
गंगा नदी के किनारे बसा वाराणसी भारत की आध्यात्मिक राजधानी है. इसे बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है. काशी नगर की स्थापना भगवान शिव ने लगभग 5000 वर्ष पूर्व की थी.
मनकामेश्वर मंदिर की महिमा देश के कोने-कोने में फैली हुई है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।