यह प्रस्तुति उन सभी वीर क्रांतिकारियों को समर्पित है जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के पथ पर अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, और जिनकी कहानियाँ कभी इतिहास की मुख्यधारा में नहीं आईं। माँ भारती का रक्तिम शृंगार - भाग 3.
भारत माता की यह प्रस्तुति उन सभी महिला क्रांतिकारियों को समर्पित है जिन्होंने इस देश के लिए अपना सर्वोच्चय बलिदान दिया परंतु भारतीय इतिहास ने उन्हे उनका श्रेय नहीं दिया। माँ भारती का रक्तिम शृंगार - भाग 2.
भारत माता की यह प्रस्तुति उन सभी वीर क्रांतिकारियों को समर्पित है जिन्होंने इस देश के लिए अपना सर्वोच्चय बलिदान दिया परंतु भारतीय इतिहास के पन्नों मे कहीं खो गए। माँ भारती का रक्तिम शृंगार - भाग 1.
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कई ऐसे महान व्यक्तित्व हुए जिन्होंने अपने विचारों और देशभक्ति से स्वतंत्रता की एक नई अलख जगाई। ऐसे ही एक महान विभूति थे विनायक दामोदर सावरकर, वीर सावरकर, स्वातंत्र्य वीर , वीर सावरकर|
अमर राष्ट्रभक्त सुभाषचंद्र बोस का जीवन संघर्षों की एक ऐसी कहानी संजोए हुए है, जो सदा-सदा हमें सत्य और न्याय के लिए बलिदान होने की प्रेरणा देता रहेगा और हमारा पथ प्रशस्त करता रहेगा।
भारत माता की इस प्रस्तुति में शहीद भगत सिंह के बारे में जानें, वह एक भारतीय क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता था।
भारत हमेशा से ही सम्पूर्ण विश्व में चर्चा का विषय रहा है। स्वतंत्रता के इस महासंग्राम में अनेकों महत्वपूर्ण बलिदान हुए। आज हम इन्हीं बलिदानों में से एक अति महत्वपूर्ण बलिदान देने वाले वीर सेनानी, तात्या टोपे के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं।
लाल बहादुर शास्त्री जयंती प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री के जन्म की स्मृति में मनाई जाती है, जो भारत के दूसरे प्रधान मंत्री थे। श्री लाल बहादुर शास्त्री यद्यपि दिखने में साधारण थे किन्तु पर्वत के समान दृढ़ता एवं सिंह के समान निर्भीकता के स्वामी थे।
दादाभाई नौरोजी एक प्रमुख राष्ट्रवादी लेखक और प्रवक्ता थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापकों में से एक थे। उन्हें 'भारत का वयोवृद्ध पुरुष' यानि की ‘Grand Old Man of India’ कहा जाता है।
Lala Lajpat Rai जिन्हे पंजाब केसरी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रानी चेनम्मा, जो kittur chennamma के नाम से भी प्रसिद्ध है, कर्नाटक की एक साहसिक रानी थीं। उन्होंने 19वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता की प्रतीक बनीं।
प्रस्तुत लेख में स्वतंत्रता के बाद भारत की रियासतों को एकजुट करने वाले "भारत का लौह पुरुष" सरदार वल्लभ भाई पटेल का वर्णन किया गया हैं, इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात के नडियाद नामक स्थान पर हुआ था.