हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन 1949 में भारतीय संविधान सभा की उस घोषणा की वर्षगांठ का प्रतीक है, जिसमें हिंदी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी।
Bharat Mata की इस प्रस्तुति मे छायावादी कवि रामधारी सिंह ' दिनकर ' द्वारा रचित कृष्ण - कर्ण संवाद रश्मिरथी की अद्भुत छवि है। यह कथा भाग्य, कर्तव्य, और मानवता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित है।
आण्डाल, दक्षिण भारत की सन्त महिला थीं। वे बारह आलवार सन्तों में से एक हैं। उन्हें दक्षिण की मीरा कहा जाता है। इनकी भक्ति की तुलना राजस्थान की प्रख्यात कृष्णभक्त कवयित्री मीरा से की जाती है।
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' हिन्दी में अपने समय के सबसे चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार, सम्पादक, यायावर, अध्यापक रहे हैं। नके ‘अज्ञेय’ उपनाम के पीछे एक रोचक कहानी है। दिल्ली जेल में लिखी अपनी ‘साढ़े सात कहानियाँ’ उन्होंने प्रकाशन के उद्देश्य से जैनेंद्र कुमार जी को भिजवाई थी।
पृथ्वीराज रासो” के रचयिता चंदबरदाई को हिन्दी भाषा का प्रथम महाकवि होने का गौरव प्राप्त है। ये सम्राट पृथ्वी राज चौहान के परम मित्र थे। हिंदी साहित्य के आदिकालीन कवि ‘चंदबरदाई’ ने उपयुक्त दोहे का वाचन रण-भूमि पर किया था, जिसे सुनकर उनके मित्र पृथ्वीराज चौहान ने ग़जनी को शब्दवेधी बाण से घायल कर दिया था।
मीराबाई जिन्हें भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त के रूप में जाना जाता है। मीराबाई न सिर्फ एक प्रसिद्ध संत थी बल्कि कृष्ण भक्ति शाखा की मुख्य कवयित्री भी थीं। कृष्ण के प्रति मीरा की अनन्य भक्ति बाल्यावस्था से ही प्रारम्भ हो गयी थी|
महादेवी वर्मा: काव्य जगत की आधुनिक मीरा | Mahadevi Verma JI | मैं नीर भरी दुःख की बदली | Bharat Mata
Nar Ho Na Nirash Karo | Maithili Sharan Gupt | नर हो न निराश करो मन को | Hindi Poem | Bharat Mata
The Nightingale of India: Sarojini Naidu, कवि ह्रदय और मधुर वाणी के कारण भारत कोकिला कही जाने वालीं सरोजिनी नायडू देश की प्रथम महिला राज्यपाल और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्षा बनीं थीं। अपनी काव्य रचनाओं और ओजस्वी वक्तव्यों से उन्होंने आज़ादी के प्रति एक नयी जागरूकता जगाई और स्वतंत्रता संग्राम को जन आन्दोलन बनाने का सफल प्रयास किया।
भारतीय प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार में से एक हिन्दी के प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार रामधारी सिंह थे जिन्हें उनके उपनाम दिनकर से जाना जाता है. दिनकर जी की कविता में रश्मिरथी (तृतीय सर्ग ) , विवेक की समाप्ति से विनाश का अभ्युदय का वर्णन किया गया हैं
भारतीय प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार में से एक सफल रेखाचित्रकार, कवयित्री, और विचारक महादेवी वर्मा है। उन्होंने कई रेखाचित्र लिखें हैं जिनमें नीलकंठ मोर, घीसा, सोना, गौरा आदि |
Bharat Mata इस कविता द्वारा भारत की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और ज्ञान का गुणगान करते हुए आज की पीढ़ी में उदारता , शांतिप्रियता, निर्भीकता, साहस और कर्तव्यपरायणता का भाव भरने का प्रयास किया गया है ।