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स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज इस प्रेरणादायक प्रस्तुति में बताते हैं कि महाभारत संपूर्ण मानव सभ्यता का दर्पण है। वे भारत की आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक श्रेष्ठता, आत्मिक स्वतंत्रता, निर्भयता और आत्मबोध के गहरे रहस्यों को उजागर करते हैं।
स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज का यह आध्यात्मिक संदेश भक्ति, ईश्वर स्मरण और संयम के सच्चे महत्व को दर्शाता है। यह बताता है कि निरंतर जप, विनम्रता और सेवा से मन शुद्ध होता है, अहंकार मिटता है और जीवन सार्थक व आध्यात्मिक रूप से उन्नत बनता है।
भगवान श्रीराम द्वारा वनवास में साथ ले जाई गई पवित्र माटी और मानव जीवन के दिव्य अर्थ पर दिया उपदेश—स्वार्थ त्याग, चेतना जागरण और मातृभूमि-भक्ति का कालजयी संदेश। यह कथा हर भारतीय को धर्म, कर्तव्य और ईश्वरभाव की ओर प्रेरित करती है।
स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी बताते हैं कि सच्चा सुख और शांति केवल भगवान श्रीराम की भक्ति से मिलते हैं। तुलसीदास जी के विचारों पर आधारित यह प्रवचन सत्संग की महिमा, दुष्ट संग के दुष्परिणाम और भक्ति, विवेक व प्रेम के दिव्य संगम को दर्शाता है।
आदि शंकराचार्य के अद्भुत जीवन की प्रेरक कथा जानिए — जिन्होंने मात्र सात वर्ष की आयु में सन्यास लेकर भारत की आध्यात्मिक एकता को पुनर्जीवित किया।
इस प्रेरणादायी प्रवचन में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी बताते हैं कि सच्चा सुख बाहरी भोगों में नहीं, बल्कि आत्मबोध में है। वे समझाते हैं कि मोह, भ्रम और भोग में फँसकर मनुष्य दुख पाता है, जबकि ईश्वर स्मरण से शांति, प्रेम और आनंद प्राप्त होता है।
स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज का दिव्य दीपावली संदेश — सत्य, सद्भाव और आत्मज्ञान का आह्वान। जानिए दीप जलाने का सच्चा अर्थ और जगाइए अपने भीतर का प्रकाश।
इस दिव्य प्रवचन में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी बताते हैं कि भगवान ने मानव रूप क्यों धारण किया। जानिए मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य, भीतर छिपी ईश्वरीय शक्ति और भक्ति, कर्तव्य व धर्म का वह संदेश जो जीवन को दिव्यता की ओर ले जाता है।
Discover Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj’s inspiring message on the power of devotion and the divine name. Learn how true bhakti removes fear, purifies the soul, and fills life with faith, peace, and strength through timeless stories of Prahlad Ji.
भारत माता की इस प्रस्तुति में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज बताते हैं कि मन, वाणी और कर्म में एकता से ही सच्ची भक्ति संभव है। ईमानदारी, समर्पण और भगवान के निरंतर स्मरण से जीवन में शांति, आध्यात्मिक विकास और चिंता से मुक्ति मिलती है।
स्वामी जी का गहन प्रवचन भक्ति, कर्म, वासना, आत्मबोध और मोक्ष पर आधारित है। यह ध्यान, आत्मशुद्धि और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति का मार्ग दिखाता है। सच्चे ज्ञान और परम सत्य की खोज करने वालों के लिए एक अत्यंत प्रेरणादायक संदेश।
स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी का आध्यात्मिक संदेश: जब मन, बुद्धि और कर्म सब कुछ ईश्वर को समर्पित हो जाए, तब ही होती है सच्ची भक्ति। जानें एक प्रेरणादायक कथा के माध्यम से।