भक्ति का निवेश: Pravachan by Swami Giri ji Maharaj

आप स्वयं अपने दीपक अपने आप बने। दीपक को प्रकट करने का प्रयत्न धीरे धीरे करते रहे। निश्चित रूप से वह केवल दीप बन कर नहीं बल्कि मेरे और आपके हृदय मे मणि बनकर अजाएगी।  गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने उसका मनी के रूप में वर्णन किया उत्तरकांड में बाकी के लोगों के दीपक की बड़ी कठिनाई है। संसार के आकर्षण आते ही तत्काल कोई व्यक्ति को स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाता है और वह बहुत बड़ा प्रयत्न और पुरुषार्थ से किया हुआ भी साधना का फल चरितार्थ न होने के कारण उन प्रलोबानों के थपेड़ों से बुझ जाते हैं दीप व बुझ जाती है बाती। 

भक्ति का निवेश | Bhakti Ka Nivesh - स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज | Bharat Mata

प्रस्तुत वीडियो में स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज जी आध्यात्मिक चर्चा करते हुए कहते हैं कि परमात्मा मनु्ष्य की मदद हमेशा ही करता है, जिसकी जैसी श्रद्धा, भक्ति होती है. उसे वैसा ही फल मिलता है. यदि आप अपने सद्गुणों को बढ़ाना चाहते हैं तो परमात्मा में निवेश करें. निवेश के संंबंध में लौकिक जगत में व्यक्ति बहुत सावधान नजर आता है. मेरा निवेदन है कि भक्ति क्षेत्र में निवेश करें और सद्गुणों को परमात्मा के कोष में जमा करते जाएं. परमात्मा इतना ब्याज देगा जितना कोई दे नहीं सकता |

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