"आज से हजारों साल पहले... जब प्रेम और अहंकार के बीच एक युद्ध हुआ... एक स्त्री के बलिदान ने पूरी सृष्टि का नक्शा बदल दिया!"
"सती... वह नाम जो प्रेम की परिभाषा बदल गया। शिव... वह शक्ति जो विनाश और सृजन दोनों के स्वामी है। और दक्ष... वह अहंकार जिसने अनगिनत आत्माओं के लिए मुक्ति के द्वार खोल दिए!"
"आज आप देखेंगे वह कहानी जो केवल कहानी नहीं... बल्कि 51 जीवंत शक्ति केंद्रों का जन्म है! हिमालय से श्रीलंका तक, पाकिस्तान से बांग्लादेश तक फैले... माँ भगवती के 51 दिव्य निवास!"
"कनखल... आज का हरिद्वार। यहीं दक्ष प्रजापति ने आयोजित किया था वह यज्ञ जो इतिहास बदलने वाला था। हर देवता को निमंत्रण... पर एक को छोड़कर - अपने दामाद महादेव को!"
"माता सती का हृदय टूटा... पिता का प्रेम एक तरफ, पति का सम्मान दूसरी तरफ। जब उन्होंने दक्ष से सवाल किया... तो मिला केवल शिव का घृणित अपमान!"
"'यदि मैं सम्मान से नहीं जी सकती... तो गरिमा से मरूंगी!' - और सती कूद गईं अग्निकुंड में!"
"शिव का तीसरा नेत्र खुला! तांडव शुरू हुआ! जब सती का शव लेकर महादेव पूरी सृष्टि को नष्ट करने चले... तब विष्णु भगवान ने चलाया सुदर्शन चक्र!"
"एक-एक टुकड़ा जो पृथ्वी पर गिरा... वह बन गया शक्ति का अनंत स्रोत!
51 शक्तिपीठों का जन्म हुआ!"
यह है 51 शक्तिपीठों की महायात्रा
1. कालीघाट शक्तिपीठ, कोलकाता "बंगाल की पावन भूमि पर, हुगली नदी के तट पर स्थित है कालीघाट - जहाँ माँ सती का बायां अंगूठा गिरा था। यहाँ स्वयं महाकाली विराजमान हैं।
2. कामख्या शक्तिपीठ, गुवाहाटी "असम की नीलांचल पहाड़ियों पर स्थित कामख्या धाम - जहाँ माँ सती का योनि भाग गिरा था। यह स्थान नारी शक्ति के सबसे पवित्र रूप का प्रतीक है। यहाँ अंबुवाची मेला लगता है जब माँ की रजस्वला होने की मान्यता है।"
3. तारा तारिणी शक्तिपीठ, ओडिशा "ओडिशा की कुमारी पहाड़ियों में तारा तारिणी - जहाँ माँ सती के दोनों स्तन गिरे थे। यहाँ तारा और तारिणी दो रूपों में माँ की पूजा होती है।
4. विमला शक्तिपीठ, पुरी "जगन्नाथ धाम के भीतर ही स्थित विमला मंदिर - जहाँ माँ की नाभि गिरी थी। यह ब्रह्मांड के केंद्र का प्रतीक है।
5. हिंगलाज माता, पाकिस्तान "कराची से 125 किलोमीटर दूर हिंगलाज में माँ का ब्रह्मरंध्र (सिर का ऊपरी भाग) गिरा था। यहाँ कोटरी देवी विराजमान हैं। यह पाकिस्तान का एकमात्र हिंदू तीर्थ है जो आज भी सक्रिय है।
6. शकरारे शक्तिपीठ, पाकिस्तान / नैना देवी, बिलासपुर "दो स्थानों पर मान्यता - पाकिस्तान के सुक्कर में या हिमाचल के बिलासपुर में। यहाँ माँ सती का नेत्र गिरा था।
7. सुगंधा शक्तिपीठ, बांग्लादेश "बांग्लादेश के बरिसल जिले में सोंध नदी के किनारे - यहाँ माँ की नासिका गिरी थी।
8. अमरनाथ शक्तिपीठ, कश्मीर "पहलगाम के पास बर्फीली गुफा में - यहाँ माँ का कंठ गिरा था। महामाया देवी के रूप में यहाँ शक्ति विराजमान है।
9. ज्वालाजी शक्तिपीठ, हिमाचल प्रदेश "कांगड़ा की पहाड़ियों में ज्वालाजी - यहाँ माँ की जिह्वा गिरी थी।
10. जालंधर शक्तिपीठ, पंजाब "पंजाब के जालंधर में देवी तालाब - यहाँ माँ का बायां स्तन गिरा था।
11. अंबाजी शक्तिपीठ, गुजरात "गुजरात की पावन भूमि में - यहाँ माँ सती का हृदय गिरा था।
12. गुह्यकाली शक्तिपीठ, नेपाल "काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में - यहाँ माँ के दोनों घुटने गिरे थे।
13. मानसरोवर शक्तिपीठ, तिब्बत "कैलाश के निकट मानसरोवर में - यहाँ माँ का दाहिना हाथ गिरा था।
14. मुक्तिनाथ शक्तिपीठ, नेपाल "पोखरा के गंडकी नदी तट पर - यहाँ माँ का मस्तिष्क गिरा था।
15. बहुला शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "वर्धमान जिले में - यहाँ माँ का बायां हाथ गिरा था।
16. गुस्कुर शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "गुस्कुर स्टेशन के निकट - यहाँ दाहिनी कलाई गिरी थी।
17. उदयपुर शक्तिपीठ, त्रिपुरा "त्रिपुरा के उदयपुर में माताबाड़ी पर्वत पर - यहाँ माँ का दाहिना पैर गिरा था। त्रिपुर सुंदरी के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर त्रिपुरा राज्य का राजकीय मंदिर है।"
18. चंद्रनाथ शक्तिपीठ, बांग्लादेश "चिट्टागौंग के चंद्रनाथ पर्वत पर - यहाँ माँ की दाहिनी भुजा गिरी थी।
19. त्रिस्रोता शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "जलपाइगुड़ी के सालबाड़ी गांव में - यहाँ माँ का बायां पैर गिरा था। भ्रामरी देवी के नाम से प्रसिद्ध।"
20. जुगाड्या शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "वर्धमान जिले में - यहाँ दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। जुगाड्या देवी यहाँ विराजमान हैं।"
21. प्रयागराज शक्तिपीठ, उत्तर प्रदेश "संगम के पास - यहाँ माँ की हाथ की अंगुली गिरी थी। ललिता देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।
22. जयंतियाहिल्स शक्तिपीठ, बांग्लादेश "सिल्हैट जिले के खासी पर्वत पर - यहाँ माँ की बायीं जंघा गिरी थी। जयंती देवी के नाम से प्रसिद्ध।"
23. किरीट कोणा शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "मुर्शिदाबाद में - यहाँ माँ का मुकुट गिरा था। विमला देवी यहाँ विराजमान हैं।"
24. काशी विशालाक्षी शक्तिपीठ, उत्तर प्रदेश "काशी के मणिकर्णिका घाट पर - यहाँ माँ के कानों के कुंडल गिरे थे। विशालाक्षी देवी के रूप में माँ यहाँ विराजती हैं।
25. कन्याकुमारी शक्तिपीठ, तमिल नाडु "भारत के दक्षिणी सिरे पर - यहाँ माँ की पीठ गिरी थी। श्रवणी देवी के रूप में यहाँ शक्ति विराजमान है।
26. कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ, हरियाणा "धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में - यहाँ माँ की एड़ी गिरी थी। सावित्री देवी के रूप में शक्ति विराजमान है। यह गीता उपदेश स्थली भी है।"
27. पुष्कर शक्तिपीठ, राजस्थान "अजमेर के मणिबंध में - यहाँ माँ की दोनों कलाइयां गिरी थीं। गायत्री देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
28. श्रीशैल शक्तिपीठ, बांग्लादेश "सिल्हैट के जैनपुर गांव में - यहाँ माँ का गला गिरा था। महालक्ष्मी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
29. कांची शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "कोपई नदी के तट पर - यहाँ माँ की अस्थि गिरी थी। देवगर्भ देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
30. कमलालय शक्तिपीठ, मध्य प्रदेश "अमरकंटक में शोन नदी के किनारे गुफा में - यहाँ माँ का बायां नितंब गिरा था। काली देवी यहाँ विराजमान हैं।"
31. शोनदेश शक्तिपीठ, मध्य प्रदेश "अमरकंटक में नर्मदा उद्गम स्थल - यहाँ माँ का दाहिना नितंब गिरा था। नर्मदा देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
32. रामगिरि शक्तिपीठ, उत्तर प्रदेश "चित्रकूट में - यहाँ माँ का दाहिना स्तन गिरा था। शिवानी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
33. वृंदावन शक्तिपीठ, उत्तर प्रदेश "भूतेश्वर महादेव मंदिर के पास - यहाँ माँ के बालों का गुच्छा गिरा था। उमा देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
34. शुचि तीर्थ शक्तिपीठ, तमिल नाडु "कन्याकुमारी के शुचि तीर्थ में - यहाँ माँ की ऊपरी दाढ़ गिरी थी। नारायणी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
35. पंचसागर शक्तिपीठ "यहाँ माँ की निचली दाढ़ गिरी थी। वाराही देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
36. भवानीपुर शक्तिपीठ, बांग्लादेश "यहाँ माँ की बायीं पायल गिरी थी। अपर्णा देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
37. श्रीशैलम शक्तिपीठ, आंध्र प्रदेश "कुर्नूल जिले में - यहाँ माँ की दाहिनी पायल गिरी थी। सुंदरी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
38. तामलुक शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "पूर्व मेदिनीपुर जिले में - यहाँ माँ की बायीं एड़ी गिरी थी। कपालिनी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
39. प्रभास शक्तिपीठ, गुजरात "जूनागढ़ जिले में - यहाँ माँ का आमाशय गिरा था। चंद्रभागा देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
40. उज्जयिनी शक्तिपीठ, मध्य प्रदेश "क्षिप्रा नदी के किनारे - यहाँ माँ के ऊपरी होंठ गिरे थे। अवंती देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
41. जनस्थान शक्तिपीठ, महाराष्ट्र "नासिक में - यहाँ माँ की ठोड़ी गिरी थी। भ्रामरी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
42. राजमहेंद्री शक्तिपीठ, आंध्र प्रदेश "पूर्व गोदावरी जिले में - यहाँ माँ के गाल गिरे थे। राकिणी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
43. बिरात शक्तिपीठ, राजस्थान "यहाँ माँ के बाएं पैर की उंगली गिरी थी। अंबिका देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
44. रत्नावली शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "हुगली जिले में - यहाँ माँ का दाहिना कंधा गिरा था। कुमारी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
45. मिथिला शक्तिपीठ, भारत-नेपाल सीमा "यहाँ माँ का बायां कंधा गिरा था। उमा देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
46. नलहाटी शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "बीरभूम जिले में - यहाँ माँ के पैर की हड्डी गिरी थी। कलिका देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
47. कर्नाटक शक्तिपीठ "यहाँ माँ के दोनों कान गिरे थे। जयदुर्गा देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
48. वक्रेश्वर शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "बीरभूम जिले में - यहाँ माँ का भ्रूमध्य गिरा था। महिषमर्दिनी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
49. ईश्वरीपुर शक्तिपीठ, बांग्लादेश "यशोर जिले में - यहाँ माँ के हाथ-पैर गिरे थे। यशोरेश्वरी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
50. नंदीपुर शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल "यहाँ माँ के गले का हार गिरा था। नंदिनी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
51. लंका शक्तिपीठ, श्रीलंका "अज्ञात स्थान पर केवल एक स्तंभ शेष - यहाँ माँ की पायल गिरी थी। इंद्राक्षी देवी के रूप में शक्ति विराजमान है।"
सती का बलिदान सिखाता है - सत्य और स्वाभिमान के लिए खड़े होना। शिव का प्रेम दिखाता है - सच्चा प्रेम कैसा होता है। विष्णु का समाधान बताता है - संकट को अवसर में कैसे बदला जाए।"
"माँ भगवती के 51 रूप, 51 नाम, 51 शक्ति केंद्र - सभी एक ही सत्य कहते हैं: 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता' - जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।"
"हर हर महादेव!
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