'जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्ते अमूक राज्यांतर्गत अमूक नगरे'। 

ये उस भारतवर्ष का वर्णन है, जो पृथ्वी के बहुत बड़े भूभाग पर फैला हुआ था, जिसे लोगों द्वारा जंबूद्वीप और आर्यावर्त की संज्ञा दी गई थी। समय बीतता गया, और अखंड भारत अलग-अलग हिस्सों मे बिखर गया। इस विशाल भूभाग से अलग होने वाले देशों की संख्या लगभग 24 है। 

जंबूद्वीप से आर्यावर्त तक: प्राचीन भारत का विस्तार

वर्तमान मे हम जिस भारत को जानते हैं, वो हिंदुस्तान है। स्वतंत्रता के पश्चात भारत से अलग होने वाला पाकिस्तान, अखंड भारत का 24वां विभाजन था। इस चर्चित विभाजन की जानकारी तो सभी को लेकिन इससे पहले जो देश भारत से अलग हुए आईए उनके बारे मे जानते हैं। 

हमारी धरती सात महाद्वीपों मे बटी हुई थी, जिनमे से एक द्वीप था जंबूद्वीप। वास्तविकता तो ये है की महाभारत के युद्ध के बाद, जंबूद्वीप से वैदिक संस्कृति का पतन होना आरंभ होगया था। धीरे-धीरे यहाँ विदेशी जातियाँ आगई, अनेक आक्रमण हुए। मान्यता है की दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर भारत नाम रखा गया था। वहीं कुछ लोग भारत को आर्यावर्त मानते हैं, बल्कि वेदों मे मात्र उत्तर भारत को आर्यवर्त माना गया है। जो लोग वैदिक संस्कृति के अनुसार जीवन व्यतीत करते थे, उन्हे आर्य माना जाता था। आर्यवर्त का विस्तार काबुल की कुम्भ नदी से भारत की गंगा माँ तक माना जाता था।

अखंड भारत से विभाजित हुए प्रमुख देश: अफगानिस्तान से बांग्लादेश तक

अखंड भारत मे अफगानिस्तान, ईरान, पाकिस्तान, तिबत, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल के अलावा भारत का साम्राज्य  वर्तमान के मलेशिया, फिलीपींस, थायलैंड, सिंगापूर, वियतनाम, इंडोनेशिया, और कॉम्बोडिया तक विस्तृत था। लेकिन कालांतर मे ये सभी देश भारत से अलग होते गए। इस तथ्य का प्रमाण इस बात से मिलता है की इतिहास मे हमने कभी नहीं सुना की पाकिस्तान, भूटान, नेपाल या म्यांमार पर कोई आक्रमण हुआ हो, क्यूँ की ये देश कभी अस्तित्व मे थे ही नहीं। 

गुप्त वंश का अंत

गुप्त वंश के अंत के बाद ही अखंड भारत के विभाजन की शुरुआत हुई। गुप्त वंश के बाद ईरान, कॉम्बोडिया, थायलैंड, मलेशिया, कॉम्बोडिया, इंडोनेशिया आदि भारत से अलग हो गए। 18वीं सदी तक अनेक देश हमारे भारत का हिस्सा थे, लेकिन 1857 की क्रांति के बाद जब अंग्रेजों जड़े भारत से उखड़ने लगी, उन्हे लगा की इतने विशाल भारत का एक स्थान से शासन करना कठिन है तब उन्होंने divide & rule शुरू किया, और भारत को अनेक छोटे छोटे हिस्सों मे बाँट दिया। महाभारत के अनुसार भारत मे 16 जनपद हुआ करते थे। इसके अतिरिक्त पाली साहित्य के प्राचीन ग्रंथ अंगुट्टार निकाय मे भगवान बुद्ध के जन्म से पूर्व 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है। 

अब उन देशों की चर्चा करते हैं जो भारत से अलग होने के बाद आज एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप मे कायम हैं। 

  • अफगानिस्तान

अफगानिस्तान का निर्माण कंधार और कंबोज के कुछ हिस्सों को मिलाने से हुआ था। यहाँ पहले हिन्दू और पारसी वंश का शासन था, फिर कुछ समय बाद यहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार हुआ। महाभारत की गांधारी और मामा शकुनि अफगानिस्तान से ही थे। 18 अगस्त 1919 को अंग्रेजों ने अफगानिस्तान को आजाद कर दिया था और फिर यह राष्ट्र भारत से अलग होगया था। 

  • नेपाल

प्राचीन भारत के 16 जनपदों मे नेपाल का कुछ हिस्सा शामिल था। नेपाल आर्य संस्कृति का मुख्य केंद्र था। माता सीता का जन्म स्थान मिथिला और भगवान बुद्ध का जन्म स्थान लुम्बिनी भी यहीं स्थित है। नेपाल को पहले देवघर के नाम से जाना जाता था। साल 1923 मे एक संधि के बाद नेपाल भारत से अलग हुआ और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। 

  • भूटान

भूटान भारत का अभिन्न अंग था। यहाँ आज भी वैदिक और बौद्धिक धर्म के लोग निवास करते हैं। भारत की स्वतंत्रता के दो साल बाद 1950 मे भूटान भारत से संपूर्णतः अलग होगया था। 

  • तिब्बत

पहले तिब्बत हिन्दू संस्कृति और धर्म का केंद्र था। हिन्दू के बाद यहाँ बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ। तिब्बत को दो भागों में बांटने का ऐतिहासिक फ़ैसला साल 1913-14 में शिमला में आयोजित एक बैठक में लिया गया था. इस बैठक में चीन, भारत, और तिब्बत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. इस बैठक के बाद तिब्बत को दो भागों में बांटा गया था। 

  • ईरान

पहले ईरान का नाम आर्यन था। कहते हैं भारत के आर्य वहाँ निवास करते थे। सातवीं शताब्दी के बाद ईरान पर पड़ोसी देशों ने आक्रमण किया और अपने कब्जे मे ले लिया। 

  • कॉम्बोडिया

प्रथम शताब्दी मे कंबोडि नामक ब्राहमण ने कॉम्बोडिया मे हिन्दू राज्य की स्थापना की थी। यह एक आश्चर्यजनक जनक तथ्य है की विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर कंबोडिया मे ही है। भगवान विष्णु के विशाल मंदिर के दर्शन मात्र से प्राचीन अखंड भारत पर गर्व होता है।  

  • इंडोनेशिया

इंडोनेशिया मे भी हिन्दुत्व का प्रसार था। आज भी वहाँ एक राम मंदिर है। लेकिन अनेक आक्रमणों के कारण यह देश भी स्वतंत्र राष्ट्र के रूप मे स्थापित हुआ। 

  • म्यांमार

म्यांमार का नाम पहले बरमा हुआ करता था। जब अंग्रेजों का भारत मे आगमन हुआ तब उन्होंने भारत पर भी अपना अधिकार कायम किया। अंत मे 4 जनवरी 1948 को म्यांमार आजाद हुआ। 

  • मलेशिया

मलेशिया भी पहले भारत का ही भाग था, यहाँ पर पहले हिन्दू धर्म के लोग निवास करते थे फिर यहाँ बौद्ध धर्म के लोगों का निवास हुआ। बाकी सभी देशों की तरह मलेशिया भी विदेशी आक्रमणों की वजह से ही भारत से अलग हुआ। 

  • थायलैंड

थायलैंड दुनिया के सबसे सुंदर देशों मे से एक है। यह पहले भारत का ही हिस्सा था। भारतीय इतिहास मे थायलैंड का नाम श्याम देश है। वर्ष 1932 में यह देश संवैधानिक राजतंत्र बना था। 

  • बांग्लादेश

बांग्लादेश भी भारत का ही हिस्सा था, आजादी के दौरान ये पूर्वी पाकिस्तान बन गया था। बांग्लादेश, भारत से अलग होकर 16 दिसंबर, 1971 को एक स्वतंत्र देश बना था। 

  • पाकिस्तान

पाकिस्तान भारत का एक ऐसा अंग था जो 1947 मे भारत से अलग होगया था लेकिन जिससे आज तक संघर्ष चल रहा है। आजादी के बाद तीन बार युद्ध हो चुके हैं। 

यदि हमारा भारत खंडित ना हुआ होता, तो यह विश्व का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली देश होता। लेकिन हमारा देश आज भी प्रगति के शिखर पर है और सदा रहेगा। 

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