अग्नि पुराण Bharat Mata की वह प्रस्तुति है जिसमे जीवन के लिए उपयोगी सभी विधाओं की जानकारी प्राप्त होती है। अग्नि देव के मुख से कहे जाने के कारण ही इस पुराण का नाम का अग्नि पुराण है।
Bharat Mata की इस प्रस्तुति मे मत्स्य पुराण का वर्णन है। इस पुराण में 14,000 श्लोक और 291 अध्याय है। इस पुराण में प्रलय काल के समय भगवान विष्णु ने एक मत्स्य (मछली) का अवतार धारण किया इसलिए यह मत्स्य पुराण के नाम से जाना जाता है।
शिव पुराण एक महत्वपूर्ण हिन्दू ग्रंथ है। इस ग्रंथ मे देवों के देव महादेव की कथाओं व उपदेशों का वर्णन प्राप्त होता है। वेद व्यास द्वारा रचित शिव पुराण सभी पुराणों मे सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला पुराण है।
मार्कण्डेय पुराण अठारह महापुराणों में से एक है, जो प्राचीन हिंदू ग्रंथ हैं। इसका नाम ऋषि मार्कंडेय के नाम पर रखा गया है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने जैमिनी नामक ऋषि को पुराण सुनाया था।
स्कंध पुराण एक महत्वपूर्ण हिंदू ग्रंथ है जो भगवान शिव के पुत्र भगवान स्कंद (कार्तिकेय) पर केंद्रित है। यह अठारह महापुराणों में से एक है।
प्रस्तुत विडिओ के माध्यम से आपको नारद पुराण के रोचक तथ्यों की जानकारी प्राप्त होगी और साथ ही प्राचीन भारत की समृद्ध पौराणिकता की छवि देखने को मिलेगी।
श्रीमद् भागवत पुराण हिन्दू धर्म का पवित्र ग्रंथ है जिसमें भगवान कृष्ण और उनके उपदेशों की कथाएँ हैं। यह प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक ग्रन्थ आत्मिक प्रबोधन का प्रभावपूर्ण स्त्रोत है।
Puran Kitne Hai – जानिए सभी पुराणों का सक्षिप्त वर्णन | History Of Puran | Bharat Mata
गीत-संगीत की प्रधानता से युक्त सामवेद.. हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रन्थ वेद का तृतीय भाग है। साम का शाब्दिक अर्थ है गान.. इस वेद में संकलित मंत्रों को देवताओं की स्तुति के समय गीत के रूप में प्रयोग किया जाता था।
भारतीय आध्यात्मिक जीवनधारा में जिन ग्रंथों का महत्त्वपूर्ण स्थान है उनमें पुराण प्राचीन भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पुराणों की इस शृंखला में प्रथम पुराण "ब्रम्ह पुराण" में निहित शाश्वत ज्ञान और भक्ति धारा की चर्चा की गई है
भारत माता चैनल के माध्यम से जानिए क्या है अथर्ववेद का महत्व| प्रस्तुत लेख भारतीय संस्कृति के गौरव का आधार हैं जिसमें वेद, विश्व के प्रथम धर्मग्रन्थ एवं प्राचीनतम साहित्य के रूप में सनातन धर्म की यशोवृद्धि का अद्भुत कारक है। वेद ज्ञान की श्रृंखला में चौथा एवं अंतिम वेद है – अथर्ववेद
पुराण ज्ञान-गंगा श्रंखला के क्रम में आज प्रस्तुत है विष्णु पुराण का एक संक्षिप्त परिचय अट्ठारह पुराण