रेजिमेंट क्या होती है और उनका महत्व
भारतीय सेना में रेजिमेंट्स, सेना की रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं। ये रेजिमेंट्स विभिन्न इकाइयों में बंटी होती हैं, जिनमें पैदल सैनिक (इन्फैंट्री), टैंक रेजिमेंट (आर्मर्ड), तोपखाना (आर्टिलरी), मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री, वायु रक्षा (आर्मी एयर डिफेंस), इंजीनियर्स, सिग्नल और एविएशन जैसी विभिन्न शाखाएं शामिल हैं। इन रेजिमेंट्स का गठन सैन्य अनुशासन, वीरता और राष्ट्रभक्ति के लिए किया गया है। इनका मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा, सीमाओं की रक्षा और आंतरिक शांति बनाए रखना है।
रेजिमेंट्स केवल सैन्य इकाइयां ही नहीं हैं, बल्कि ये एक परिवार, एक पहचान और एक गौरवशाली इतिहास का प्रतीक भी हैं। हर रेजिमेंट की अपनी विशिष्ट परंपराएं, वर्दी, बैज, आदर्श वाक्य (मोटो) और युद्धघोष (वॉर क्राई) होते हैं, जो उनके सैनिकों में जोश और एकता का संचार करते हैं।
रेजिमेंट्स क्यों बनाई जाती हैं? रेजिमेंट्स का गठन मुख्यतः सैन्य संगठन, अनुशासन और कमांड की सुविधा के लिए किया जाता है। ये इकाइयां सैनिकों को एक साथ लाती हैं, जिससे उनमें टीम भावना, वफादारी और साहस का विकास होता है। रेजिमेंट्स के माध्यम से ही विभिन्न क्षेत्रों, जातियों और भाषाओं के युवाओं को सेना में शामिल किया जाता है, जिससे सेना राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनती है। रेजिमेंट्स क्या करती हैं? रेजिमेंट्स मुख्यतः युद्ध के मैदान में सीधे संघर्ष, सीमा की रक्षा, आंतरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और शांति अभियानों में भाग लेती हैं। इनके जवान हर मौसम, हर इलाके और हर चुनौती का सामना करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। रेजिमेंट्स के बिना सेना की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
भारतीय सेना की प्रमुख रेजिमेंट्स का विस्तृत विवरण
ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स
ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स की स्थापना वर्ष 1949 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर कामठी, महाराष्ट्र में स्थित है। इसका आदर्श वाक्य पहला हमेशा पहला है और युद्धघोष गरुड़ का हूँ बोल प्यारे है। यह भारतीय सेना की प्रतिष्ठित और चयनित इकाई है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ सैनिकों को शामिल किया जाता है। यह भारत की पहली मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट भी है।
मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट
मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर अहमदनगर, महाराष्ट्र में है। इसका आदर्श वाक्य वीरता और विश्वास है और युद्धघोष बोलो भारत माता की जय है। यह भारतीय सेना की सबसे युवा रेजिमेंट है और लद्दाख व सिक्किम जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी कार्य करती है।
पंजाब रेजिमेंट
पंजाब रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1761 में अंग्रेजों द्वारा हुई थी, और आधुनिक स्वरूप 1947 से है। इसका रेजिमेंटल सेंटर रामगढ़, झारखंड में है। इसका आदर्श वाक्य सत श्री अकाल है और युद्धघोष जो बोले सो निहाल है। यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी क्षेत्रीय इन्फैंट्री रेजिमेंट है और कई युद्धों में शौर्य दिखाया है। मद्रास रेजिमेंट मद्रास रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1758 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर वेलिंगटन, तमिलनाडु में है। इसका आदर्श वाक्य स्वधर्मे निधनं श्रेयः है और युद्धघोष वीर मद्रासी, अदि कोल्लु, अदि कोल्लु है। यह भारतीय सेना की पहली इन्फैंट्री रेजिमेंट है और इसका इतिहास बहुत गौरवशाली है।
ग्रेनेडियर्स
ग्रेनेडियर्स की स्थापना वर्ष 1778 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर जबलपुर, मध्य प्रदेश में है। इसका आदर्श वाक्य सर्वदा शक्तिशाली है और युद्धघोष भी सर्वदा शक्तिशाली है। ग्रेनेडियर्स को उनकी वीरता और बहादुरी के लिए जाना जाता है, खासकर कारगिल युद्ध में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
मराठा लाइट
इन्फैंट्री मराठा लाइट इन्फैंट्री की स्थापना वर्ष 1768 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर बेलगाम, कर्नाटक में है। इसका आदर्श वाक्य शौर्य और कर्तव्य है और युद्धघोष बोल छत्रपति शिवाजी महाराज की जय है। यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट है और मराठा सैनिकों की वीरता के लिए प्रसिद्ध है।
राजपूताना राइफल्स
राजपूताना राइफल्स की स्थापना वर्ष 1775 में हुई थी, और आधुनिक स्वरूप 1921 से है। इसका रेजिमेंटल सेंटर दिल्ली छावनी, दिल्ली में है। इसका आदर्श वाक्य वीर भोग्या वसुंधरा है और युद्धघोष राजा रामचंद्र की जय है। यह भारतीय सेना की दूसरी सबसे पुरानी राइफल रेजिमेंट है और इसने कई युद्धों में अपना शौर्य दिखाया है।
राजपूत रेजिमेंट
राजपूत रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1778 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश में है। इसका आदर्श वाक्य सर्वत्र विजय है और युद्धघोष बोल बजरंग बली की जय है। यह एकमात्र भारतीय रेजिमेंट है जिसने दोनों विश्व युद्धों में भाग लिया है।
सिख रेजिमेंट
सिख रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1846 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर रामगढ़, झारखंड में है। इसका आदर्श वाक्य निश्चय कर अपनी जीत करो है और युद्धघोष जो बोले सो निहाल है। यह भारतीय सेना की सबसे अधिक वीरता पदक प्राप्त करने वाली रेजिमेंट है।
डोगरा रेजिमेंट
डोगरा रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1877 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश में है। इसका आदर्श वाक्य कर्तव्य और वीरता है और युद्धघोष जवां मत दोगरा है। डोगरा रेजिमेंट को उनकी वफादारी और साहस के लिए जाना जाता है।
गढ़वाल राइफल्स
गढ़वाल राइफल्स की स्थापना वर्ष 1887 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन, उत्तराखंड में है। इसका आदर्श वाक्य युद्ध में वीरता है और युद्धघोष बद्री विशाल लाल की जय है। गढ़वाल राइफल्स अपनी वीरता और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध हैं।
कुमाऊं रेजिमेंट
कुमाऊं रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1813 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत, उत्तराखंड में है। इसका आदर्श वाक्य पराक्रमो विजयते है और युद्धघोष काली माता की जय, बजरंग बली की जय, दादा किशन की जय है। कुमाऊं रेजिमेंट ने कई युद्धों में अपना शौर्य दिखाया है और यह उत्तराखंड के युवाओं के लिए गौरव का प्रतीक है।
असम रेजिमेंट
असम रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1941 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर शिलांग, मेघालय में है। इसका आदर्श वाक्य असम विक्रम है और युद्धघोष राइनो चार्ज है। यह रेजिमेंट पूर्वोत्तर भारत के युवाओं के लिए गौरव का प्रतीक है और इसे अनोखी वीरता के लिए जाना जाता है।
बिहार रेजिमेंट
बिहार रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1941 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर दानापुर, बिहार में है। इसका आदर्श वाक्य वीरता से युद्ध पर है और युद्धघोष बजरंग बली की जय, बिरसा मुंडा की जय है। बिहार रेजिमेंट को उनकी वीरता और साहस के लिए जाना जाता है।
महार रेजिमेंट
महार रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1941 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर सागर, मध्य प्रदेश में है। इसका आदर्श वाक्य यश सिद्धि है और युद्धघोष बोल महाराज की जय है। महार रेजिमेंट भारतीय सेना की सामाजिक एकता का उदाहरण है, क्योंकि इसमें विभिन्न समुदायों के सैनिक शामिल हैं।
जाट रेजिमेंट
जाट रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1795 में हुई थी, और आधुनिक स्वरूप 1947 से है। इसका रेजिमेंटल सेंटर बरेली, उत्तर प्रदेश में है। इसका आदर्श वाक्य संगतन वीरता है और युद्धघोष जाट बलवान, जय भगवान है। जाट रेजिमेंट को उनकी शक्ति और साहस के लिए जाना जाता है।
जम्मू और कश्मीर राइफल्स
जम्मू और कश्मीर राइफल्स की स्थापना वर्ष 1821 में हुई थी, और आधुनिक स्वरूप 1947 से है। इसका रेजिमेंटल सेंटर जबलपुर, मध्य प्रदेश में है। इसका आदर्श वाक्य प्रतिभा और वीरता है और युद्धघोष दुर्गा माता की जय है। यह रेजिमेंट जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए गौरव का प्रतीक है।
जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री
जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की स्थापना वर्ष 1947 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर अवंतिपोरा, जम्मू-कश्मीर में है। इसका आदर्श वाक्य बलिदानम् वीर लक्षणम् है और युद्धघोष बार्त खालिद वा बार्त खालिद है। यह रेजिमेंट कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
लद्दाख स्काउट्स
लद्दाख स्काउट्स की स्थापना वर्ष 1963 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर लेह, लद्दाख में है। इसका आदर्श वाक्य कीर्ति चिरायु है और युद्धघोष जो बोले सो निहाल है। यह रेजिमेंट लद्दाख के स्थानीय युवाओं से बनी है और अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में कार्य करती है।
अरुणाचल स्काउट्स
अरुणाचल स्काउट्स की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर शिलांग, मेघालय में अस्थायी रूप से है, और भविष्य में अरुणाचल प्रदेश में स्थायी केंद्र की योजना है। इसका आदर्श वाक्य वीरता और कर्तव्य है और युद्धघोष अरुणाचल की जय है। यह भारतीय सेना की नवीनतम रेजिमेंट्स में से एक है और अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को सेना में शामिल करने के लिए बनाई गई है।
नागा रेजिमेंट
नागा रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1970 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर रानीखेत, उत्तराखंड में है। इसका आदर्श वाक्य पराक्रमो विजयते है और युद्धघोष जय दुर्गा है। यह रेजिमेंट पूर्वोत्तर भारत के नागा युवाओं के लिए गौरव का प्रतीक है।
गोरखा रेजिमेंट्स
गोरखा रेजिमेंट्स की स्थापना अलग-अलग वर्षों में हुई है, जिनमें 1, 3, 4, 5, 8, 9 और 11 गोरखा राइफल्स शामिल हैं। इनका रेजिमेंटल सेंटर देहरादून, शिलांग, सबाथु आदि स्थानों पर है। इनका आदर्श वाक्य यत्रहि नरस्य भूषणम् है और युद्धघोष आयो गोरखाली है। गोरखा रेजिमेंट्स को उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। ये सैनिक अपनी खुकरी (छुरी) के लिए प्रसिद्ध हैं।
पैराशूट रेजिमेंट
पैराशूट रेजिमेंट की स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी। इसका रेजिमेंटल सेंटर बंगलौर, कनाटक में है। इसका आदर्श वाक्य शत्रुजित है और युद्धघोष बोलो भारत माता की जय है। यह रेजिमेंट विशेष बलों (कमांडो) के लिए जानी जाती है और इसमें सैनिक पैराशूट के साथ हवाई हमले करते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण रेजिमेंट्स
इनके अतिरिक्त भारतीय सेना में कई अन्य शाखाएं और रेजिमेंट्स हैं, जैसे:
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आर्मर्ड रेजिमेंट्स (टैंक)
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आर्टिलरी रेजिमेंट्स (तोपखाना)
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आर्मी एयर डिफेंस
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कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स
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सिग्नल कॉर्प्स
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एविएशन कॉर्प्स
निष्कर्ष
भारतीय सेना की रेजिमेंट्स देश की सुरक्षा और गौरव का प्रतीक हैं। इन रेजिमेंट्स का इतिहास, परंपराएं और वीरता की कहानियां प्रेरणा का स्रोत हैं। भारतीय सेना की रेजिमेंट्स न केवल देश की सीमाओं की सुरक्षा करती हैं, बल्कि वे राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और साहस का प्रतीक भी हैं। भारत माता की इन रेजिमेंट्स के अद्वितीय इतिहास और परंपराओं को जानने और समझने के लिए Bharat Mata YouTube चैनल से जुड़ें।
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