Gujarat | गुजरात राज्य दर्शन | इतिहास, क्रांति और संस्कृति की धरोहर | Gujarat History & Heritage

आज हम ऐसे अनोखे राज्य की बात करेंगें जो भारत के सबसे लंबे समुद्र तट के किनारे बसा है, जहाँ पर दुनिया का सबसे बड़ा सफेद रेगिस्तान स्थित है, जहाँ देश का पहला समुद्री राष्ट्रीय उद्यान खुला था, जहाँ के साबरमती आश्रम से स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई। । इस राज्य मे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, और हाल ही मे इस राज्य की DREAM City, Surat, मे Surat Diamond Bourse की शुरुआत की गई। यही नहीं  4000 साल से अधिक हड़प्पा मील्स, और हस्त शिल्प और हथकरघा निशान लिए ये राज्य आज भी अपनी समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक परम्पराओं के अपने असली रंगों के साथ जीवंत है।

गुजरात का ऐतिहासिक महत्व

भगवान श्रीकृष्ण और द्वारिका

गुजरात का इतिहास 2000 ई.पू. से आरम्भ होता है। भगवान श्री कृष्ण ने मधुरा छोड़ने के बाद आधुनिक गुजरात के द्वारिका नामक स्थान को हो अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना था।

महात्मा गाँधी और स्वतंत्रता संग्राम

महात्मा गाँधी और वल्लभ भाई पटेल जैसे प्रसिद्ध विभूतियों की जन्मभूमि होने के कारण गुजरात की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत अत्यधिक समृद्ध हैं है और ये राज्य का गौरव बढ़ाती है। गुजरात में मौर्यो, गुप्तों, प्रतिहारों तथा चालुक्यों का शासन रहा। चालुक्य (सोलंकी) राजा भी भीम के काल में 1025 ई0 में महमूद गजनवी ने यहाँ के सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण करके मंदिर को ध्वस्त कर दिया तथा सारा खजाना लूट लिया था। इसके बाद गुजरात पर मुगलों, मराठों तथा अंग्रेजों का राज्य रहा। गुजरात पहले बम्बई राज्य का हिस्सा था, जिसमे आधुनिक गुजरात और महाराष्ट्र शामिल थे।

1 मई 1960 को सौराष्ट्र राज्य कच्छ संघ शासित क्षेत्र तथा ब्रिटिश प्रभाव वाले गुजराती क्षेत्रों को बम्बई राज्य से अलग करके गुजराज राज्य बनाया गया। भारतीय प्रायदीप के पश्चिमी तट पर स्थित होने के कारण इस राज्य में देश का सबसे लंबा समुद्री किनारा है जो 1300 किमी. लंबा है। गुजरात से साबरमती, नर्मदा, तापी और दमनगंगा नदियाँ गुजरती हैं। राज्य का एक बड़ा हिस्सा गिर, डांग और पंचमहल जैसे जंगलों से ढका है। गुजरात को "पश्चिम का जेवर" भी कहते हैं । यहाँ कई प्रकार के संग्रहालय, किले, अभयारण्य, मंदिर आदि पर्यटकों को आकर्षित करते है। 

गुजरात के प्रमुख पर्यटन स्थल

प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरें

  1. सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष: यह स्थान हड़प्पा सभ्यता के अद्भुत अवशेषों को प्रदर्शित करता है।

  2. गिर नैशनल पार्क: यह एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है।

  3. सोमनाथ मंदिर: हिंदू धर्म का प्रमुख धार्मिक स्थल।

यहाँ के ऐतिहासिक पर्यटन स्थान जैसे हृदय कुंज, महात्मा गाँधी का जन्म एवं निवास स्थान, गिर नैशनल पार्क, सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष आदि एवं प्रसिद्ध धार्मिक स्थान द्वारका, सोमनाथ मंदिर, पावागढ़, शामल जी, जैन मंदिर गिरनार पर्वत आदि पर्यटकों को आकर्षित करते है। वास्तुकला एवम् पुरातत्व स्मारकों की सूची में अहमदाबाद डब्लोई, पाटन, मोधेरा आदि के अदभुत स्मारक शामिल हैं। पर्यटक सतपुड़ा की पहाड़ी के साथ-साथ कोरवाई, तीथल और मांडवी के समुद्री किनारों पर भी जाना पसन्द करते हैं। इसके अतिरिक्त उपरकोट किला, नज़रबाग महल, धबोई किला आदि और गाँधी स्मारक संग्रहालय, बड़ौदा संग्रहालय पिक्चर गैलरी भी दर्शक जाना पसन्द करते है। गुजरात के प्रमुख शहरों में अहमदाबाद, अमरेली, आनंद, गांधीनगर, हारका, जामनगर, जूनागढ़, राजकोट, सूरत. बड़ोदरा आदि हैं. 

ऐतिहासिक स्मारक

  • अहमदाबाद के वास्तुशिल्प स्मारक जैसे डब्लोई और पाटन।

  • द्वारका का प्राचीन मंदिर।

  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा।

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गुजरात का खानपान और कला

गुजरात में जितनी घूमने के लिए लोकप्रिय जगह हैं, उतना ही यह राज्य आपने खानपान के लिए जाना जाता है। इस राज्य की खांडवी, ढोकला, हांडवो, थेपला, उंधियू, बासुंदी, आदि अति प्रसिद्ध हैं।

गुजरात के प्रमुख शैक्षिक संस्थान

गुजरांत देश के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों का केन्द्र है। आई आई एम अहमदाबाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल प्राद्योगिकी तकनीकी संस्थान, सूरत और अहमदाबाद का राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान प्रमुख है। केंद्रीय नमक और समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान गुजरात का एक सम्मानीय संस्थान है जो समुद्री नमक, देशी झील नमक और अवभूमि लवण - जल पर होने वाले अनुसंधानों को बढ़ावा देता है। गाँधी जी ने 12 मार्च, 1930 को साबरमती से ही डांडी यात्रा आरम्भ की थी। सी आर दास, विठ्ठल भाई पटेल और - मोतीलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार को राजनीतिक रूप से निर्बल बनाने के लिए 1923 में स्वराज पार्टी का गठन यहीं से किया था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गुजरात के अनेक स्वतंत्रता 'सेनानियों ने योगदान दिया जिसमें प्रमुख हैं। महात्मा गांधी, कस्तूरबा गाँधी, सरदार पटेल, जीवराज मेहता, हँसा मेहता, विठ्ठलदास झवेर भाई पटेल आदि। अहमदाबाद में वस्त्र निर्माण और वाणिज्य का बड़ा केंन्द्र होने के कारण इसे भारत का मानचेस्टर भी कहा जाता है। 

साहित्य और संगीत

गुजरात में साहित्य का इतिहास और विकास एक लंबी यात्रा की कहानी है, जिसमें लोकगीतों, आख्यानों, रंगमंच, और कहावतों के माध्यम से सांस्कृतिक और धार्मिक अनुभवों को संजोया गया है। गुजराती साहित्य की शुरुआत 11वीं शताब्दी में हुई, जब व्यापार और वाणिज्य ने हिंदू और जैन धर्म को प्रभावित किया। प्रारंभ में रचनाएँ संस्कृत और प्राकृत में थीं, लेकिन गुजराती भाषा का उदय 12वीं सदी के आसपास हुआ। नरसिंह मेहता, जो गुजराती साहित्य के पिता माने जाते हैं, ने भक्ति आंदोलन के दौरान साहित्य का उत्थान किया।

प्रसिद्ध गुजराती लेखक

14वीं से 17वीं शताब्दी में, गुजरात में जैन साहित्यकारों, भक्त कवियों, और सामाजिक सुधारकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रेमानंद ने कविता के माध्यम से 'आख्यान' को लोकप्रिय बनाया, जबकि कवि नर्मद ने सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर गद्य और कविता के माध्यम से विचार व्यक्त किए। 19वीं शताब्दी में, गोवर्धनराम त्रिपाठी ने 'सरस्वतीचंद्र' उपन्यास लिखा, जो गुजराती साहित्य की एक प्रमुख कृति बनी।
20वीं सदी में, गांधीवादी युग के दौरान साहित्य ने मानवतावाद, सामाजिक चेतना, और देशभक्ति को प्रमुखता दी। आधुनिक युग में, गुजराती साहित्य में अंग्रेजी का भी प्रवेश हुआ है और बहुभाषी लेखन की प्रवृत्ति देखी जा रही है। आजकल, गुजराती और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में साहित्यिक रचनाएँ प्रसारित हो रही हैं, और नये लेखक बहुभाषी साहित्य को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

त्यौहार और परंपराएं

गुजरात की सांस्कृतिक और पारम्परिक विरासत जीवंत है। पारंपरिक त्योहार होली, दिवाली, नवरात्रि और दशहरा के अलावा यहाँ मकर संक्रांति, कच्छ महोत्सव, मोधेरा और भद्र पूर्णिमा भी मनाया जाता है। यहाँ के नृत्य जैसे डांडिया, गरबा, गरबी और पधार विश्व में प्रसिद्ध हैं। कई राग जैसे खंबावती, टोडी, लाटी और सौराठी गुजरात से ही उत्पन्न हुए हैं। यहाँ की कढ़ाई, लकड़ी की नक्काशी, जेवर और पत्थर का काम दुनिया भर में प्रसिद्ध है। गुजरात मे सलामा, चालक, टीकी और कंगीरी प्रसिद्ध कढ़ाई के प्रकार हैं।

आभला राज्य का प्रसिद्ध बुनाई का काम है। गुजरात में राजभाषा गुजराती के अलावा कठियावाड़ी, खरखा, खाकरी, गमती और पारसी भाषाएँ बोली जाती है। कच्छ जो राज्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है वहाँ कच्छी भाषा बोली जाती है। अमूल दूध संघ के माध्यम से गुजरात भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। 
तो ये था गुजरात: विविध संस्कृतियों और समृद्ध इतिहास का संगम।

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