महाकालेश्वर मंदिर दर्शन (उज्जैन) | Mahakaleshwar Mandir Darshan (Ujjain) | Bharat Mata

शिव की नगरी उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विराजमान है। 6 ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। शिव की महिमा का उल्लेख करते हुए कई मंदिर भारत में स्थित हैं। महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता है। स्वयंभू भव्य और दक्षिण मुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यंत फुल नेता ही रहता है। ऐसी मान्यता है कि दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। मंदिर की महिमा के साथ यहां की भस्म आरती भी महत्वपूर्ण है। महाकालेश्वर मंदिर में ही भगवान शिव। की भस्म आरती की जाती है। पुरानी समय देहाती कि ताकी ताकी भस्म से की जाती थी लेकिन वर्तमान में यह बस मंदिर में तैयार की जाती है और इसी से उनका शृंगार होता है। इस मंदिर की महिमा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुराना महाभारत और कालिदास जैसे महा कवियों की रचनाओं में भी मंदिर के बारे में लिखा गया है। शास्त्रों के अनुसार मंदिर की स्थापना द्वापर युग में श्री कृष्ण के पालनहार नंद जी की आठवीं पीढ़ी पूर्व मंदिर का कई बार जो लोहार कराया गया 18वीं सदी में वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया था। यह दरबार राणा जी चंदेल करवाया था। महाकाल मंदिर के ऊपर गर्भ गृह में ओमकारेश्वर शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित है। गर्भ ग्रह के।उत्तर और पूर्व में गणेश पार्वती और कार्तिक की के चित्र सदस्य ने नदी की प्रतिमा है। तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर की मूर्ति किस नागपंचमी के दिन दर्शन के लिए खुली होती है। इस मंदिर के 118 सीटों पर 16 किलो स्वर्ण की परत चढ़ाई गई है। महाशिवरात्रि के दिन मंदिर के पास एक विशाल मेला लगता है और रात में पूजा होती है। हमारे चैनल Bharat Mata को सब्सक्राइब करें।

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