Matangeshwar Mahadev Mandir | Matangeshwar Mandir Khajuraho History | खजुराहो का रहस्यमयी मंदिर

मध्यप्रदेश का खजुराहो शहर अपने प्राचीन पुरातत्व मंदिरों और पर्यटन के लिए अति प्रसिद्ध है। आज हम बात करेंगे खजुराहो मे स्थित एक प्राचीन और अनोखे मंदिर की जिसका नाम है – मतंगेश्वर महादेव मंदिर। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की मतंगेश्वर मंदिर मे संसार का एकमात्र जीवित शिवलिंग है, और इससे भी अधिक रोचक तथ्य यह है की इस शिवलिंग का आकार प्रतिवर्ष थोड़ा-थोड़ा बढ़ता है। यह शिवलिंग जितना धरती के ऊपर है उतना ही धरती के नीचे समाया है। इस शिवलिंग की लंबाई 18 फीट है जो 9 फीट धरती के ऊपर है और 9 फीट धरती के नीचे है। प्रति वर्ष कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा के पावन दिन इस शिवलिंग की लंबाई नापी जाती है जो थोड़ी बढ़ी हुई प्राप्त होती है। 
यह मंदिर मध्यप्रदेश के छतरपुर मे खजुराहो मे स्थित है। इस मंदिर के परिसर का निर्माण महाभारत काल से माना जाता है परंतु इसका वर्तमान स्वरूप चंदेल वंश के राजाओं द्वारा 9वीं शताब्दी मे बनवाया गया था , और इस मंदिर का इतिहास लगभग सहस्त्र वर्ष प्राचीन माना जाता है। खजुराहो मे लगभग 85 मंदिरों का वर्णन मिलता है जो वर्तमान मे 22 ही शेष हैं। 
प्राचीन कथाओं के अनुसार मंदिर मे विराजमान शिवलिंग के नीचे मरकत मणि स्थित है, जिससे दर्शन करने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती हैं। प्राचीन कथा के अनुसार भगवान शिव ने पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर को मरकत मणि दी थी। ये मणि युधिष्ठिर ने मतंग ऋषि को समर्पित कर दी। इसके पश्चात मतंग ऋषि ने यह मणि राजा हर्षवर्धन को दे दी। 
इसकी देखभाल कोई न करने वाला होने के कारण हर्षवर्धन ने मणि को जमीन में गाढ़ दिया। धीरे-धीरे इसका आकार बड़ा होने लगा और शिवलिंग का रूप ले लिया। मतंग ऋषि के नाम से इस मंदिर का नाम मतंगेश्वर के नाम से जाना जाता है। खजुराहो मे यह मंदिर सबसे ऊंचा मंदिर माना जाता है। मनुष्य की भांति इस शिवलिंग का आकार भी बढ़ता जा रहा है इसलिए इसे जीवित शिवलिंग कहा जाता है। 
इस मंदिर मे आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की मतंगेश्वर महादेव पर अत्यंत मान्यता है। देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं। सावन के महीने में हर सोमवार और हरियाली अमावस्या पर मतंगेश्वर महादेव के दर्शन के लिए बहुत सारे भक्त पहुंचते हैं। स्थानीय निवासियों से विशेष रूप से यह जान ने को मिलता है की प्रति वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर मतंगेश्वर मंदिर मे विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। मान्यता यह भी है की जितना प्राचीन यह मंदिर है उतना ही प्राचीन यह मेला और इसका महत्व भी है। सदियों से यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। 
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