बिहार | What Makes Bihar Epic? 5 Amazing Facts! | इतिहास से आज तक: बिहार | Bihar Documentary (Hindi)
ये है ज्ञान और नई तलाश की भूमि।
ये है महाराज जनक, तीर्थंकर महावीर, भगवान बुद्ध, महाज्ञानी चाणक्य, पराक्रमी अशोक, श्री गुरु गोविंद सिंह जी और आर्यभट्ट की भूमि।
ये है मानवता और अनेकता मे एकता का संदेश देने वाली भूमि।
यह राज्य ज्ञान, विज्ञान, धर्म, कला, शौर्य, और स्थापत्य के उच्चतम शिखर पर है।
यहाँ की संस्कृति लोकशक्ति की प्रतीक है।
इस राज्य का असीम विस्तार समस्त भारत को विस्मित करता है।
ये है भारत के हृदयस्थली के समीप स्थित बिहार।
भारत दर्शन श्रंखला मे आज आपको बिहार ले चलते हैं।
किसी राज्य को जान ने से पहले उसका इतिहास जान ना जरूरी है। तो बिहार का इतिहास कुछ यूं है की बिहार बुद्ध और चौबीस जैन तीर्थंकारों की प्रवचन स्थली रही है। यहाँ के मगध और गुप्त साम्राज्य बहुत शक्तिशाली रहे हैं। इन साम्राज्यों के प्रमुख शासक सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त, समुद्रगुप्त आदि रहे हैं। बाद में यह क्षेत्र बंगाल के राजाओं तथा दिल्ली के सुल्तानों और मुगल सम्राटों के अधीन रहा। 1764 की बक्सर की लड़ाई के बाद अंग्रेजों को बिहार की दीवानी का अधिकार प्राप्त हो गया। 1911 तक बिहार अंग्रेजों की बंगाल प्रेजीडेंसी का एक हिस्सा था। 12 दिसंबर, 1911 को उन्होंने बिहार एवं उड़ीसा नाम से एक पृथक राज्य बना दिया। 1936 में बिहार को उड़ीसा से अलग करके इसे एक नया भौगोलिक रूप दे दिया गया। 1947 मे देश को आजादी मिली।
बिहार का स्वतंत्रता संग्राम और क्रांतिकारी भूमिका
लेकिन बात भारत के स्वतंत्रता संग्राम की हो और उसमें बिहार का जिक्र न हो ऐसा मुमकिन ही नहीं है। बिहार क्रांति की भूमि रही है। हम कैसे भूल सकते हैं की मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी बन ने का सफर राष्ट्रपिता ने चंपारण की धरती से ही शुरू किया था। लेकिन इसके आलवा वर्ष 1947 मे जब हमारा देश आजाद हुआ तब बिहार से कई स्वतंत्रता सेनानियों ने यहां योगदान दिया, जिनमे डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद, श्री कृष्ण सिंह, जय प्रकाश नारायण, अब्दुल गफ़ूर, डॉ॰ सच्चिदानंद, वीर कुँवर सिंह, तारा रानी श्रीवास्तव, आदि प्रमुख हैं। आपको जानकार आश्चर्य होगा की बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज थाना क्षेत्र का बंगरा गांव से एक या दो नहीं बल्कि 27 स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म भूमि है।
यह राज्य अशोक, गुरु गोबिन्द सिंह, गोनु झा, चन्द्रगुप्त मौर्य, चाणक्य, वात्स्यायन, समुद्रगुप्त आदि जैसे महान शासकों व देवकी नन्दन खत्री, नागार्जुन, वात्स्यायन, बेनीपुरी, रामधारी सिंह 'दिनकर', अनामिका, जानकीवल्लभ शास्त्री आदि जैसे महान साहित्यकारों की जन्मस्थली भी है। दुनिया को सर्जरी का ज्ञान भी बिहार से ही मिला. सर्जरी के जन्मदाता सुश्रुत भी बिहार से ही थे।
धार्मिक स्थल, शिक्षा और संस्कृति
बिहार राज्य में 9 प्रमंडल और 38 ज़िले हैं। पटना प्रमंडल, तिरहुत प्रमंडल, सारण प्रमंडल, दरभंगा प्रमंडल, कोसी प्रमंडल, पूर्णिया प्रमंडल, भागलपुर प्रमंडल, मुंगेर प्रमंडल, और मगध प्रमंडल के साथ अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया आदि प्रमुख जिले हैं।
विश्वव्यापी बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध को यहीं ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यहाँ स्थित शांति स्तूप, गृद्धकूट पर्वत, सप्तपर्णी गुफ़ाएं, वैशाली, लौरिया नंदनगढ़, केसरिया स्तूप, चंपनगर आदि समेत सम्पूर्ण बिहार मे विस्तृत ऐसे अनेक धर्मस्थल बौद्ध धर्म से जुड़े हैं।
दुनिया का प्रथम गणतंत्र वैशाली, पूरे समाज को सत्य और अहिंसा का संदेश देने वाले चौबीसवें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मस्थली है बिहार। भगवान महावीर के मोक्षस्थल पावापुरी सहित जैन धर्म से जुड़े अनेक स्थल बिहार मे स्थित हैं।
प्राचीन काल मे सैकड़ों छात्रों का अध्ययन केंद्र रहे नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय बिहार मे ही हैं। आज ये खंडहर ज्ञान विज्ञान की कथा कहते हैं, और सभी को प्रेरित करते हैं।
सिक्खों से दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्मस्थान है बिहार। यहाँ प्रतिवर्ष विश्वस्तरीय प्रकाशोत्सव का आयोजन किया जाता है। यह राज्य सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है।
सीतामढ़ी के पूनौरा धाम स्थित माता सीता की जन्मथली, महर्षि वाल्मीकि का आश्रम स्थल वाल्मीकिनगर, गुरु विश्वामित्र का आश्रम स्थल बक्सर जहाँ श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का शिक्षण, प्रशिक्षण हुआ था, रामायण से जुड़े बिहार के प्रमुख स्थल हैं।
और जानकारी के लिए देखें भारत माता वेबसाइट
बिहार के मेले, कला और खानपान
उगते हुए सूरज की पूजा तो सभी करते हैं, लेकिन बिहार ऐसा राज्य है जो सूरज के हर रूप की पूजा करता है।
किसी राज्य के रहन-सहन और संस्कृति का दर्पण होते हैं वहाँ के त्योहार, मेले व उत्सव। विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला, राजगीर का मलमास मेला, और गया के पितृपक्ष मेले मे सम्पूर्ण बिहार की संस्कृति की झलक मिलती है। साथ ही यहाँ बुद्ध जयंती, सामा चकेवा, बिहुला और छठ पूजा जैसे त्योहार अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
मोक्ष की भूमि विष्णु की नगरी गया मे पूर्वजों के प्रति अगाध आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए हर साल देश दुनिया से लाखों लोग आते हैं।
रोहतास दुर्ग, दरभंगा राजकिला, मधुबनी राजनगर का राज पैलस, गोलघर आदि बिहार के गौरव चिन्ह हैं। यहाँ मुख्य भाषाएँ मैथिली, मगही और भोजपुरी हैं। इस राज्य का राजकीय वृक्ष पीपल, राजकीय पक्षी गौरैया, राजकीय पशु बैल, और राजकीय फूल गेंदा है। इस राज्य की नदियां दो मुख्य समूहों में विभाजित हैं, उत्तर बिहार में नदियाँ और दक्षिण बिहार में नदियाँ। बिहार राज्य में लगभग एक दर्जन नदियाँ बहती हैं, जो इसे जल समृद्ध राज्यों में से एक बनाती है। जिनमे घाघरा, कोसी, गंडक, बागमती और महानंदा आदि प्रमुख हैं।
बिहार में छऊ नृत्य प्रमुख है। संथाल जन-जाति में नेतुआ डाक वपला डोन नामक नृत्य प्रचलित है, जिसमें स्त्री-पुरुष दोनों हिस्सा लेते हैं। इसमें औरतें हाथ में तलवार तथा कमर पर दर्पण की पट्टी बांधकर ढोल, डाक और नगाड़े की थाप पर नृत्य करती हैं। भूत-प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए वे झींका दसाई और लाग्रो नृत्य करते हैं। बिहार में ही यादुई नृत्य भी प्रचलित है।
बिहार के लोक संगीत में कई तरह के गीत होते हैं, जैसे कि जट-जटीन, सामा चकेवा, विदेसिया, भकुली बंका, डोमकक्ष, किरतिनिया, भगती गीत आदि वहीं इस राज्य के लोक संगीत के प्रमुख आंचलिक रूपों में बागी मारवा, झूमर, बिरहा, चैती, समद शामिल हैं। बिहार के राज्य गीत का नाम 'मेरे भारत के कंठ हार' है। इस राज्य की संस्कृति बहुपरकारी है। बिहार अपनी लोक कला और शिल्प के लिए भी प्रसिद्धि है। मधुबनी पेंटिंग, टिकुली कला, मंजूषा कला, गुड़िया शिल्प, वेणु शिल्प, बावन बूटी, भोजपुरी कला, कोहबर शिल्प जैसी कलाएं यहां प्रचलित हैं।
बिहार का भोजन सादा और स्वादिष्ट होता है. लिट्टी चोखा, सत्तू पराठा, चूड़ा दही जैसे व्यंजन अत्यंत लोकप्रिय हैं।
बिहार का शैक्षिक इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है. एक समय था जब नालंदा और विक्रमशीला जैसे शिक्षाकेंद्र समस्त संसार को ज्ञान प्रदान कर रहे थे। आज भी बिहार राष्ट्रीय महत्व के 8 संस्थानों का घर है जिसमें आईआईटी पटना , आईआईएम बोधगया , एम्स पटना , एनआईटी पटना , आईआईआईटी भागलपुर , एनआईपीईआर हाजीपुर , डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और नालंदा विश्वविद्यालय शामिल हैं।
"यह राज्य न केवल इतिहास और धर्म का धरोहर है, बल्कि आज भी शिक्षा, कला और विज्ञान के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित कर रहा है।"
हमें बताएँ कि आपको बिहार के बारे मे क्या पसंद है और भारत माता YouTube चैनल को Subscribe करें।