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झारखंड: इतिहास, संस्कृति & पर्यटन की समृद्ध भूमि | Hidden wonders of Jharkhand! ( Hindi )

भगवान बिरसा मुंडा के चरण कमल पर, प्रगति की ओर अग्रसर भूमि।

बत्तीस विभिन्न जनजातियों के साथ सुंदर हरे भरे वनों की भूमि।

जहाँ है कल-कल बहते झरनों के मधुर संगीत का वास, ये है संस्कृति और विरासत के आशीर्वाद की भूमि।

अद्भुत मंदिर और स्मारकों की पावन और जीवंत भूमि।

सौन्दर्य और समृद्धि बिखेरता भारत की प्रकृति का अमूल्य गहना – ये है झारखंड।

भारत दर्शन श्रंखला मे आज आपको ले चलते हैं झारखंड।

झारखंड का इतिहास और राज्य का गठन

पहले ये राज्य बिहार का हिस्सा था। झारखंड के अलग राज्य बनने की यात्रा एक लंबी और कठिन प्रक्रिया थी। पहले यह बिहार का हिस्सा था, और यहां के आदिवासी और अन्य पिछड़ी जातियां अक्सर महसूस करती थीं कि उन्हें सही प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा था। इस असंतोष ने कई आंदोलनों को जन्म दिया, जो एक अलग राज्य की मांग कर रहे थे, ताकि इन समुदायों की ज़रूरतों और आकांक्षाओं को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।

1970 और 1980 के दशक में यह मांग तेज़ हो गई, और इस दौरान कई बड़े प्रदर्शन और विरोध हुए। अंततः, केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर विचार करते हुए अगस्त 2000 में बिहार पुनर्गठन अधिनियम पारित किया। इसके बाद, 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ और रांची को इसकी राजधानी बनाया गया।

झारखंड की संस्कृति, त्यौहार और जनजातीय धरोहर

झारखंड पांच प्रशासनिक मंडलों में बांटा गया है: दक्षिण छोटानागपुर, उत्तर छोटानागपुर, कोल्हान, पलामू और संथाल परगना। झारखंड की जनजातियों का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1857 से 26 साल पहले, 1831 में कोल विद्रोह ने अंग्रेजों के खिलाफ झारखंड के आदिवासी आंदोलन को जन्म दिया। मुंडा, हो, उरांव, भुइयां जैसी जनजातियाँ इस संघर्ष में शामिल थीं। रांची, सिंहभूम और पलामू इसके प्रमुख केंद्र थे।

इससे पहले, 1783 में तिलका मांझी का विद्रोह और 1795-1800 के चेरो आंदोलन ने झारखंड में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष की नींव रखी थी। तिलका मांझी, जिन्होंने 1772 में जमीन और फसल पर अधिकार के लिए संघर्ष शुरू किया, आदिवासी प्रतिरोध के प्रतीक बन गए। उन्होंने सुलतानगंज की पहाड़ियों से छापामार युद्ध लड़ा और अंग्रेजों के नायक, अगस्टीन क्लीवलैंड को घायल किया। 1785 में तिलका को फांसी दी गई, और आज उनका स्मारक भागलपुर में तिलका मांझी चौक के नाम से प्रसिद्ध है।

झारखंड एक ऐसा राज्य है जिसे अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हरे-भरे जंगलों, नदियों और महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है, जिससे यह तीर्थयात्रियों और प्रकृति प्रेमियों दोनों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनता है।

झारखंड के प्रमुख दर्शनीय स्थल और प्राकृतिक धरोहर

राज्य में कई मंदिर स्थित हैं, जिनमें प्रमुख मंदिर जैसे देवघर का बैद्यनाथ धाम, रांची का जगन्नाथ मंदिर और पारसनाथ, जो जैन धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, शामिल हैं।

इसके अलावा, पहाड़ी मंदिर, राजरप्पा, सत्संग आश्रम और जमशेदपुर में स्थित साईं बाबा मंदिर भी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में शामिल हैं। इस क्षेत्र में कलीयांश्वरी मंदिर (मईठन) और बाबा बसुकीनाथ धाम (दुमका) जैसे प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक और दृश्यात्मक अनुभव प्रदान करते हैं।

झारखंड की भूमि ने कई प्रसिद्ध व्यक्तित्वों को जन्म दिया है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। इन नायकों ने सभी कठिनाइयों का सामना किया और साहस, संकल्प और कड़ी मेहनत से सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। उनके जीवन ने झारखंड राज्य की पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है और आज भी युवा पीढ़ी को प्रेरणा दे रहे हैं।

यहां कुछ ऐसे नायकों की संक्षिप्त जीवनी दी जा रही है। इनमें स्वतंत्रता सेनानी, नेता, साहित्यकार, लेखक, और खेल जगत के लोग शामिल हैं।

झारखंड के नायक, भोजन और शिक्षा

बिरसा मुंडा का जीवन इतिहास आदिवासियों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जो अपने ही लोगों के मुक्ति संघर्ष की कहानी है, जिनका ब्रिटिशों द्वारा लंबे समय तक दमन किया गया था। साथ ही यह भूमि भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय महिला मुक्केबाज अरुणा मिश्रा, तीरंदाज दीपिका कुमारी, डॉ. सुबास मुखोपाध्याय, सैलेश कुमार बंद्योपाध्याय, जयपाल सिंह मुंडा और रेमला अग्रवाल आदि की जन्मस्थली भी है। झारखंड साहित्य के प्रसिद्ध लेखकों में डॉ. राम दयाल मुंडा, विश्वनाथ सहदेव और शिव खेड़ा शामिल हैं, जिन्होंने अपने विचारोत्तेजक कार्यों से इस साहित्यिक परंपरा को समृद्ध किया है।

यह राज्य विभिन्न जनजातीय संस्कृतियों का मिश्रण है, जिनमें से कुछ जनजातियाँ जैन धर्म और बौद्ध धर्म से प्रभावित हैं, तो कुछ हिंदू और मुग़ल सम्राटों से भी प्रभावित हैं। झारखंड की जीवनशैली विभिन्न समुदायों पर निर्भर करती है। यहां की मुख्य संस्कृति पर रिवाज, संगीत, भाषा, नृत्य और साहित्य का बड़ा प्रभाव है।

झारखंड में लगभग तीस आदिवासी समुदाय निवास करते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख समुदाय हैं - ओरांव, हो, चेरो, मुंडा, संताल, सावार, कोल, कैरा आदि।

सामान्य त्योहारों जैसे होली, दीपावली, छठ पूजा, आदि के अलावा, झारखंड में कई आदिवासी त्योहार भी मनाए जाते हैं, जैसे सारहुल, हल पुन्या, कर्मा आदि। झारखंड राज्य स्थापना दिवस हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है।

राज्य में निवास करने वाली आदिवासी समुदायें मुख्य रूप से झारखंड में प्रचलित संगीत और नृत्य की धरोहर को बनाए रखने और उसका आकर्षण बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राज्य के कुछ प्रमुख लोकनृत्य हैं - मर्दाना, मुंडारी, झुमैर, लहसुंआ, और पैका आदि।

झारखंड, जिसका नाम 'वन क्षेत्र' का प्रतीक है, राज्य भर में वनस्पति और जीव-जंतुओं की बड़ी विविधता और जैव विविधता का घर है। झारखंड के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में इसकी वन्यजीव, वन्यजीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों और भारत के सबसे बेहतरीन पक्षी अभयारण्यों का समावेश है। झारखंड की जीव-जन्तु की प्रजातियाँ अद्वितीय और असाधारण रूप से विविध हैं, जिसमें लगभग 200 पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

झारखंड में सदाबहार वन, विभिन्न प्रकार के फूल और पेड़, और हाथी, बाघ, भालू, जंगली सुअर जैसे जानवरों की विशाल विविधता पाई जाती है। यह राज्य अन्य भारतीय राज्यों के मुकाबले अपनी जैविक और पारिस्थितिकी विविधता के लिए एक विशेष स्थान रखता है।

झारखंड की वनस्पति में कुछ महत्वपूर्ण पेड़-पौधे हैं: साल, गंभिर, कटहल, जामुन, केंडू, शीशम, कट्ठा, पेसर, लाख, महुआ, आम, बहेड़ा, आसन और बांस आदि। झारखंड की वन्यजीव संपदा अद्वितीय जैव विविधता से भरपूर है, और इस कारण कई प्रवासी पक्षी भी झारखंड के पक्षियों के समूह में शामिल हुए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पक्षी हैं - मंगोलिया से आने वाले बार-हेडेड गीज़, व्हाइट नेक्ड स्टॉर्क, ओरिएंटल व्हाइट इबिस, और नॉर्दर्न शोवेलर आदि।

झारखंड राज्य में कई प्रमुख नदियाँ बहती हैं, जो न केवल राज्य के जलवायु और कृषि के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में भी इनका अहम योगदान है। इन नदियों में दामोदर, बेतरानी, गंगा, बराकर, अजय, सोन, दक्षिण कोल और सुवर्णरेखा प्रमुख हैं। दामोदर नदी राज्य की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक मानी जाती है, जो कृषि और उद्योग दोनों के लिए आवश्यक जल प्रदान करती है।

इस राज्य के खाने की बात करें तो झारखंड के कुछ सबसे लोकप्रिय व्यंजन हैं लिट्टी चोखा, धुस्का, तिल बर्फी और रुगरा आदि।

अद्वितीय पर्वतों, नदियों, संस्कृति और परंपराओं से साथ-साथ झारखंड भारत के कुछ शीर्ष कॉलेजों का भी घर है। झारखंड में IIM , Ranchi, National Institute of Foundry and Forge Technology, National Institute of Technology Jamshedpur, Birsa Institute of Technology,Dhanbad.

और RAM TAHAL CHOWDARY INSTITUTE OF TECNOLOGY आदि स्थित हैं।

तो ये थी उत्तर भारत की सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक सुंदरता, और ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने वाले झारखंड की सम्पूर्ण जानकारी। आपको यहाँ के बारे मे क्या पसंद है ये हमे comment section मे बताए और subscribe करें भारत माता चैनल।  भारत दर्शन श्रृंखला के और लेख पढ़ें | भारत माता चैनल को सब्सक्राइब करें