हेमकुंड साहिब: 200 साल तक बर्फ में दबा रहा | World Highest Gurudwara | Hemkund Sahib
जब धरा पर सौन्दर्य की चर्चा होती है तो लोगों के मन में पहला नाम कश्मीर का आता है। परन्तु भारत में कुछ ऐसी भी जगहें हैं जो किसी स्वर्ग से कम नहीं। हम बात कर रहे हैं, उत्तराखंड के चमोली में स्थित सिखों की अटूट आस्था के प्रतीक हेमकुंड साहिब की।
हेमकुंड साहिब की अद्भुत सुंदरता और धार्मिक महत्व
हेमकुंड साहिब अपनी अद्भुत सुन्दरता के लिए अत्यंत प्रसिद्ध है और यह सिखों के सबसे पूज्यनीय तीर्थों में से एक है। माना जाता है कि यहाँ पर सिखों के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने ध्यान साधना की थी।
हेमकुंड साहिब का इतिहास
हेमकुंड साहिब के विषय में कहा जाता है कि यह दो से अधिक सदियों तक गुमनामी में रहा और सर्वप्रथम गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी आत्मकथा बिचित्र नाटक में इसका उल्लेख किया। इसके बाद ही यह स्थल प्रसिद्ध हुआ। सिख इतिहासकार व कवि संतोख सिंह ने भी इस जगह का वर्णन अपनी कहानी दुष्ट दमन में किया है।
प्रमुख इतिहासकार और खोजकर्ता:
उन्नीसवीं शताब्दी में तारा सिंह नरोत्तम हेमकुंड की भौगोलिक स्थिति का पता लगाने वाले पहले सिख थे। उन्होंने गुड़ तीरथ संग्रह में हेमकुंड साहिब को सिखों के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना है।
हेमकुंड साहिब का स्थापत्य और धार्मिक महत्व
1937 में इस स्थल पर गुरु ग्रंथ साहिब को स्थापित किया गया, जिसके बाद सोहन सिंह और मोहन सिंह ने इसे सिखों की तीर्थयात्रा के रूप में विकसित कराया। हेमकुंड संस्कृत का नाम है जो 'हेम' यानी 'बर्फ' और 'कुंड' यानी 'कटोरा' से मिलकर बना है, जिसे "lake of snow" कहा जाता है।
हेमकुंड साहिब का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व
गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ के अनुसार, यह वही स्थान है जहां राजा पांडु अभ्यास योग करते थे। मान्यता है कि पांडु हेमकुंड पहाड़ पर गहरे ध्यान में थे जब भगवान ने उन्हें सिख गुरु गोबिंद सिंह के रूप में जन्म लेने का आदेश दिया।
लोकपाल सरोवर का महत्त्व
हेमकुंड गुरुद्वारे के निकट स्थित 'लोकपाल' सरोवर लगभग 400 गज लंबा और 200 गज चौड़ा है, जो हिमालय की सात चोटियों से घिरा हुआ है। यह सरोवर लक्ष्मण जी के ध्यानस्थ होने का स्थल भी माना जाता है, जहाँ उन्होंने तपस्या की थी।
फूलों की घाटी : एक मनमोहक स्थल
मेघनाथ के साथ युद्ध में मूर्छित होने पर लक्ष्मण जी को इसी लोकपाल झील के समीप लाया गया था, जहां हनुमान जी ने उन्हें संजीवनी बूटी दी। देवताओं ने आकाश से पुष्प वर्षा की, जिससे यहाँ 'फूलों की घाटी' का निर्माण हुआ, जो आज 'Valley of Flowers' के नाम से जानी जाती है। यहाँ रंग बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है, जो किसी भी दर्शक को मंत्रमुग्ध कर देती है।
हेमकुंड साहिब : आध्यात्मिकता का स्थल
हेमकुंड साहिब भारत का एक ऐसा तीर्थस्थल है जो आपको शांति और आध्यात्मिकता का अलौकिक अनुभव कराता है। यदि कोई व्यक्ति धार्मिक व प्रकृति प्रेमी है, तो उसे अपने जीवन काल में एक बार हेमकुंड साहिब की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
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