Shivkhori | शिव खोड़ी एक अनोखी गुफा : जहाँ Mahadev ने बनाया शरणस्थल | Untold Story of Shiv Khori
जम्मू की पहाड़ियों में जहाँ धरती आकाश से मिलती है वहाँ एक गुफा है। एक ऐसी गुफा, जिसे स्वयं महादेव ने अपने त्रिशूल से बनाया था। जब पूरी सृष्टि खतरे में थी जब एक राक्षस भोलेनाथ के पीछे पड़ा था तब इस पर्वत की गोद में जन्म हुआ एक दिव्य शरणस्थली का। यह कहानी है शिवखोड़ी की। जहाँ प्रकृति और आध्यात्मिकता एक हो जाते हैं। जहाँ पत्थर बोलते हैं जल पवित्र करता है और हर कोना भक्ति से भरा है।
(Shivkhori Cave, Mahadev Cave Jammu)
भस्मासुर और महादेव की लीला | Bhasmasur Story
Bhasmasur Story, Shiv Mahadev, Hindu Mythology
सदियों पहले एक राक्षस था भस्मासुर। कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उसे वरदान दिया - जिसके सिर पर वह हाथ रख दे, वह भस्म हो जाए। लेकिन शक्ति पाते ही राक्षस ने अपना असली रूप दिखाया। वह स्वयं महादेव को ही मारना चाहता था।
(Bhasmasur Vadh, Shiv Katha, Mahadev Legend)
शिवखोड़ी गुफा का निर्माण और रहस्य | Shivkhori Formation
https://bharatmata.online/category/dharmik-ewam-etihasik-sthal
Shivkhori Location, Shivkhori Cave Mystery, Reasi Jammu
पार्वती और नंदी के साथ भोलेनाथ भागे पहाड़ों की शरण में। यहीं, इसी पवित्र भूमि पर, अपनी दिव्य शक्ति से महादेव ने त्रिशूल धरती में फेंका। और बन गई एक गुफा - शिवखोड़ी। इतनी संकरी कि केवल शिव, पार्वती और नंदी ही अंदर जा सके, राक्षस नहीं।
तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया। अपने नृत्य से भस्मासुर को मोहित किया। और जब राक्षस ने नृत्य में खो कर अपना हाथ अपने ही सिर पर रखा... तो अपनी ही शक्ति से नष्ट हो गया।
(Mohini Avatar, Trishul Cave, Shivkhori Miracle)
स्थान, विशेषताएँ और महाशिवरात्रि | Shivkhori Location & Festival
https://bharatmata.online/dharmik-ewam-etihasik-sthal/konark-sun-temple
https://www.youtube.com/@Bharatmataonline
( Shivkhori Mahashivratri, Shivkhori Festival Jammu, Spiritual Yatra )
रियासी जिले में, जम्मू से 140 किलोमीटर दूर, रांसू गाँव से 3 किलोमीटर की चढ़ाई पर स्थित है यह गुफा। लगभग 200 मीटर लंबी, लेकिन श्रद्धालुओं को केवल 130 मीटर तक ही जाने की अनुमति है। आगे का रास्ता रहस्यमय है - ऑक्सीजन की कमी के कारण कई साधु जो आगे गए, वापस नहीं लौटे।
प्रवेश द्वार पर शेषनाग की प्राकृतिक आकृति है। और अंदर 4 फीट ऊँचा स्वयंभू शिवलिंग। उस पर निरंतर टपकता दूधिया जल - जैसे कामधेनु का दूध।
माता पार्वती, कार्तिकेय, पंचमुखी गणेश, श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, महाकाली, सरस्वती, और पांचों पांडव—कहते हैं कि 33 कोटि देवी-देवता यहाँ विराजमान हैं।
हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। महाशिवरात्रि पर तीन दिनों का भव्य मेला लगता है।
(Shivkhori Darshan, Jammu Tourism Religious, Shivkhori Trek)
निष्कर्ष | Conclusion
https://www.instagram.com/bharatmataonline/
Bharat Mata Channel, Spiritual India, Hindu Pilgrimage
आज का शिवखोड़ी परंपरा और आधुनिकता का संगम है। यहाँ आस्था है, शांति है, शक्ति है। पहाड़ों की गोद में बसा यह तीर्थ हर मन को छू लेता है। भगवान शिव ने जो शरणस्थली अपने लिए बनाई थी, आज वह करोड़ों भक्तों की शरणस्थली है। यह केवल गुफा नहीं — यह विश्वास है, यह भक्ति है, यह हम सबका घर है।
भारत भूमि से जुड़े रहस्यमयी स्थलों के लिए जुड़े रहें भारत माता चैनल के साथ।
-
कोणार्क सूर्य मंदिर: https://bharatmata.online/dharmik-ewam-etihasik-sthal/konark-sun-temple
-
सभी धार्मिक स्थल: https://bharatmata.online/category/dharmik-ewam-etihasik-sthal
-
Official Website: https://bharatmata.online/