कोशिश कर हल निकलेगा : आनंद परम | Koshish Kar Hal Niklega | Hindi Motivational

कोशिश कर हल निकलेगा : आनंद परम | Koshish Kar Hal Niklega | Hindi Motivational

इस प्रेरणादायक कविता के माध्यम से कवि ने जीवन में प्रयास एवं श्रम के महत्व को उजागर किया है | जीवन में न जाने कितनी बार कठिन परिस्थितियां आती हैं.. अनगिनत क्षण ऐसे आते हैं जब अपेक्षानुरूप फल प्राप्त नहीं होता | ऐसे में कोशिश का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए.. आज नहीं तो कल कोशिशों का नतीजा मिलेगा.. जितनी भी मुश्किलें हैं उनका हल निकलेगा | जिस प्रकार अर्जुन ने केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित कर..अपने तीर को साधकर निशाना लगाया.. उसी प्रकार मनुष्यको अपने प्रयासों को सही दिशा में केन्द्रित करके अपना श्रम पूर्ण एकाग्रता से करना चाहिए.. ऐसा होने पर मरुस्थल से भी जल की प्राप्ति हो सकेगी | परिश्रम करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए.. कर्म रुपी जल से आशा रुपी पौधे को सिंचित करने से.. जीवन रुपी भूमि से सफलता रुपी फल अवश्य मिलेगा | अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखकर.. अपनी शक्ति के बल पर व्यक्ति को आगे बढ़ना चाहिए | असफलता.. दुःख और विषम परिस्थितियों में भी अपनी आशाओं को नहीं खोना चाहिए.. प्रयत्न करने से विष के सागर से भी गंगाजल रुपी अमृत मिल सकेगा | जो भी अभी थम सा चुका है.. वो अथक प्रयासों से चल पड़ेगा | कोशिश कर हल निकलेगा.. आज नहीं तो कल निकलेगा |

कोशिश कर हल निकलेगा

आनंद परम की रचना कोशिश कर हल निकलेगा।

कोशिश कर हल निकलेगा। आज नहीं तो कल निकलेगा।

अर्जुन के तीर सासद मरुस्थल से भी जल निकलेगा।

मेहनत कर पौधों को पानी दे बंजर जमीन से भी हल निकलेगा।

ताकत जुटा हिम्मत को आग दे औलाद का भी बल निकलेगा।

जिंदा रख दिल में उम्मीदों को गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा।

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की जो है।

आज हमा तमाशा चल निकलेगा, चल निकलेगा।

कोशिश कर हल निकलेगा। आज नहीं तो कल निकलेगा। कल निकलेगा।

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