भारत के 5 सबसे रहस्यमय मंदिर जिनका रहस्य आज भी है अविश्वसनीय | Top 5 Mysterious Temple of India
भारत के पाँच रहस्यमय मंदिर
अपनी संस्कृति, मान्यताओं व आस्था के कारण प्रसिद्ध भारत में ऐसे कई रहस्यमय मंदिर हैं, जो अपने अपरम्परागत देवताओं, परालोकिक शक्तियों व हजारों वर्षों पुराने तथा अविश्वसनीय रहस्यों के लिए जाने जाते हैं।
आज हम आपको बताएंगे भारत के कुछ ऐसे रहस्यमय मंदिरों के विषय में जिनकी अद्भुत शक्तिया विज्ञान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। श्रद्धालुओ की माने तो यह चमत्कार उनके द्वारा पूजे जाने वाले भगवान द्वारा किये गए है।
करनी माता मंदिर - बीकानेर में स्थित करनी माता मंदिर में लगभग 20000 से भी ज्यादा काले चूहे रहते है, इस मंदिर को चूहों वाले मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार अगर कोई चूहा आप के पाँव के ऊपर से निकलता है तो यह शुभ कहलाता है परन्तु अगर कोई चूहा आप के पाँव के नीचे आ जाए तो यह अशुभ संकेत माना जाता है, व अगर आपको यहाँ सफ़ेद चूहा दिखता है तो आपकी मनोकामना बहुत जल्दी पूरी होने वाली है इस मंदिर में चूहों को भोजन करवाया जाता है व उनकी सुरक्षा की जाती है, परन्तु आज तक चूहों के इस मंदिर में होने के पीछे का रहस्य किसी को नहीं पता।
मेहंदी पुर बाला जी- राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बाला जी के इस मंदिर में बुरी आत्माओं और आलोकिक बाधा का समाधान किया जाता है, चौका देने वाली बात यह है कि कोई और नहीं बल्कि स्वयं हनुमानजी द्वारा यहाँ भक्तों की समस्या का निपटारा किया जाता है। यहाँ हनुमानजी बाल रूप में विराजमान है जो अपने भक्तों की सभी समस्याओं का समाधान करते है। इस मंदिर का रहस्य जानने के लिए 2013 में जर्मनी व नीदरलैंड के डॉक्टरों के साथ दिल्ली विश्व विद्यालय के वैज्ञानिक, बुद्धि जीवियों व मनोचिकित्सकों की एक टीम ने विस्तार से मंदिर की गतिविधियों का मूल्यांकन करने के लिए एक शोध अध्यन शुरू किया। श्री बालाजी महाराज की मूर्ति के चरणों में एक कुंड है जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता, परन्तु आज तक इस मंदिर की दिव्य शक्तियों के बारे में कोई नहीं जान पाया है।
काल भैरव मंदिर - काल भैरव को भगवान शिव का सबसे विचित्र अवतार माना जाता है। 6000 साल पुराना यह मंदिर एक विशाल तांत्रिक मंदिर के रूप में जाना जाता है। जिसमें प्रसाद के रूप में मांस, मदिरा व बलि चढ़ायी जाती हैं। पहले समय में केवल तांत्रिको को ही इस मंदिर में जाने की अनुमति थी। परन्तु कुछ समय पहले आम जनता के लिए भी इस मंदिर के द्वार खोल दिए गए है। इस मंदिर में स्थित बाबा की मूर्ति को मदिरा का भोग लगाया जाता है तथा बाबा की मूर्ति मदिरा का सेवन करती है। इस रहस्य की खोज के लिए वैज्ञानिकों द्वारा बहुत से प्रयास किये गए, परन्तु आज तक इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है कि भैरव बाबा को चढ़ने वाली मदिरा आखिर जाती कहा है।
माँ ज्वाला देवी मंदिर- माँ ज्वाला देवी का प्रसिद्ध मंदिर हिमाचल के कांगड़ा में स्थित, यह माता के शक्ति पीठों में से एक है। इस मंदिर में किसी मूर्ति या प्रतिमा की नहीं अपितु पृथ्वी के गर्भ से निकली, नौ ज्वालाओं के रूप में माता के नौ स्वरूपों को पूजा जाता है। इस ज्वाला के स्त्रोत का रहस्य जानने के लिए वैज्ञानिक कई सालो से कार्य कर रहे है, परन्तु नौ किलोमीटर खुदायी करने के बाद भी आज तक इस रहस्य का पता नहीं लगाया जा सका है।
शनि मंदिर शिंगणापुर - देश भर में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। जिनमें से प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्वप्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता है कि यहां स्थित शनिदेव की प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है।यहां शिगणापुर शहर में भगवान शनि महाराज का खौफ इतना है कि शहर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजोरी नहीं हैं। दरवाजों की जगह यदि लगे हैं तो केवल पर्दे। ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है उसे शनि महाराज सजा स्वयं दे देते हैं।इसके कई प्रत्यक्ष उदाहरण देखे गए हैं। शनि के प्रकोप से मुक्ति के लिए यहां पर विश्वभर से प्रति शनिवार लाखों लोग आते हैं।
विज्ञान के नियमों को चुनौती देने वाले इन रहस्यमय मदिरों की पहेली को अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है, ऐसे में ये मंदिर आज भी आश्चर्य और कौतुहल का विषय हैं। Bharat Mata परिवार का प्रयास है कि इन चमत्कारिक मंदिरों की जानकारी सम्पूर्ण जनमानस और भावी पीढ़ियों तक प्रेषित हो।
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