कैसे हुई थी रुद्राक्ष की उत्पत्ति? | भगवान शिव और रुद्राक्ष का सम्बन्ध | Story of Rudraksha in Hindi

रुद्राक्ष को आप सबने जरूर देखा होगा और इसके महत्व को भी जानते होंगे। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि रुद्राक्ष और भगवान शिव के बीच क्या संबंध है? हम भगवान शिव और रुद्राक्ष के बीच के संबंध को जानें इससे पहले रुद्राक्ष के बारे में जानना आवश्यक है। ऐसा कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि रुद्राक्ष के आकार की बात करें तो जिस रुद्राक्ष का आकार आंवले के फल के बराबर होता है उसे उत्तम श्रेणी का रुद्राक्ष माना जाता है, जिस रुद्राक्ष का आकार बेर के फल के बराबर होता है उसे मध्यम श्रेणी का रुद्राक्ष माना जाता है और चने के आकार वाला रुद्राक्ष निम्न श्रेणी का रुद्राक्ष होता है। रुद्राक्ष का इतना महत्व इसलिए है क्योंकि इसकी उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। हिन्दू धर्मग्रंथों और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान शिव कई वर्षों तक गहरे ध्यान में थे, जब भगवान शिव ध्यान से बाहर आए और उन्होंने अपनी आँखें खोलीं तो उनकी आँखों से जल की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरी और जहां जहां उनके आँसू की बूंदें गिरीं वहाँ वहाँ रुद्राक्ष के पेड़ प्रकट हो गए। रुद्राक्ष की उत्पत्ति को लेकर एक और कथा प्रचलित है। विष्णुपुरान में वर्णित एक प्रसंग के अनुसार एक बार त्रिपुरासुर नामक दैत्य के अत्याचारों से परेशान होकर ब्रम्हा और विष्णु सहित सभी देवता भगवान शिव की शरण में पहुंचे, जब देवताओं ने अपनी पीड़ा भगवान शिव को सुनाई तो वे ध्यान में चले गए और जब उन्होंने आँखें खोली तो उनकी आँखों से आंसुओं की कुछ बूंदें पृथ्वी पर जा गिरी और इन्ही आंसुओं से रुद्राक्ष का जन्म हुआ। रुद्राक्ष शब्द का संधि विच्छेद करने से पता चलता है कि रुद्राक्ष दो शब्दों रुद्र और अक्ष से मिलकर बना है जहां रुद्र का अर्थ स्वयं भगवान शिव जबकि अक्ष का संबंध भगवान शिव की आँखों से है। भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न होने के कारण इसे साक्षात भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है। अगर आप भी रुद्राक्ष धारण करते हैं तो उसे भगवान शिव का अंश मानकर उतना ही सम्मान दें जितना भगवान शिव को दिया जाता है। तो ये थी भगवान शिव और रुद्राक्ष के संबंध की कहानी, अगर आप भारत या अध्यात्म से जुड़ी कोई और जानकारी चाहते हैं तो कमेंट्स सेक्शन में जरूर बताएँ जिससे हम ऐसी ही और जानकारी आप तक पहुंचा सकें।

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