हिंदू नववर्ष | विक्रमी संवत् 2080 | नव संवत्सर सृष्टि निर्माण की वर्षगांठ |Hindu Nav Varsh

भारतीय नव वर्ष: राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक

भारतीय नव वर्ष राष्ट्रीय स्वाभिमान का अनुपम प्रतीक तथा विशुद्ध विज्ञान पर आधारित है। यह भारतीय जनमानस का गौरव है। भारतीय संस्कृति में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हमारा नववर्ष माना जाता है। भारत समन्वय परिवार की ओर से आप सभी को भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में।

ऐतिहासिक महत्व: सृष्टि रचना का पहला दिन

भारतीय नववर्ष के ऐतिहासिक महत्व के विषय में यह दिन सृष्टि रचना का पहला दिन है। इस दिन से 1 अरब 97 करोड़ 39,49,109 वर्ष पूर्व सूर्योदय हुआ था। ब्रह्माजी ने जगत की रचना प्रारंभ की। विक्रम संवत का पहला दिन उसी राजा के नाम पर प्रारंभ होता था, जिसके राज्य में न तो कोई चोर था, न अपराधी, और न ही कोई अधिकारी।

प्रभु राम का अभिषेक और नवरात्रि की शुरुआत

प्रभु राम ने भी इसी दिन को लंका विजय के बाद अयोध्या में राज्य अभिषेक के लिए चुना। यह दिन शक्ति और भक्ति के 9 दिन अर्थात नवरात्र स्थापना का पहला दिन है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

प्रभु राम के जन्मदिन रामनवमी के पूर्व 9 दिन उत्सव मनाने का पहला दिन है। यह गुरु अंगद देव प्रकट उत्सव का भी दिन है, जो सिख परंपरा के द्वितीय गुरु का जन्म दिवस है। समाज को श्रेष्ठ आर्य मार्ग पर ले जाने हेतु स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन को आर्य समाज स्थापना दिवस के रूप में चुना।

संत झूलेलाल और शालिवाहन संवत

संत झूलेलाल का जन्मदिन, जो सिंध प्रांत के प्रसिद्ध समाज रक्षक हैं, भी इसी दिन मनाया जाता है। इसके साथ ही, शालिवाहन संवत्सर का प्रारंभ भी इसी दिन होता है।

युधिष्ठिर का राज्याभिषेक और डॉ. हेडगेवार का जन्मदिन

विक्रमादित्य की भांति, युवा ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना। संवत्सर का प्रथम दिन 5112 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ। यह दिन संघ संस्थापक परमपूज्य डॉ. केशव राम बलिराम हेडगेवार जी का जन्मदिन भी है।

प्राकृतिक महत्व: बसंत ऋतु का आगमन

भारतीय नववर्ष का प्राकृतिक महत्व भी है। बसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी और चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है। यह समय फसल पकने का होता है, यानी किसान की मेहनत का फल मिलने का समय।

शुभ मुहूर्त: नए कार्यों की शुरुआत

नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं, जिससे यह किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है।

एक बार फिर, भारत समन्वय परिवार की ओर से भारतीय संस्कृति एवं बृहद इतिहास के गौरव और सम्मान के अतुलनीय प्रतीक भारतीय नव वर्ष की आप सभी को अनेकानेक शुभकामनाएं।

 

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