माँ दुर्गा की अष्टम स्वरूपा माँ महागौरी का भव्य अवतरण | Maa Mahagauri

माँ दुर्गा की अष्टम शक्ति के रूप में माँ महागौरी की उपासना की जाती है। माँ महागौरी आदिशक्ति हैं जिनकी दिव्यता से संपूर्ण विश्व प्रकाश-मान होता है एवं उनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है। माँ महागौरी की अराधना से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं तथा माँ महागौरी का भक्त जीवन में पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी बनता है।

श्वेते वृषे समारुढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा ।।

महागौरी की पौराणिक कथा

धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए  देवी ने कठिन तपस्या की थी जिससे देवी का शरीर काला पड़ गया था। भगवान शंकर ने देवी की साधना से प्रसन्न होकर मां की देह को गंगा-जल से स्वच्छ किया था। तब देवी का स्वरूप अत्यंत सुंदर और गौर वर्ण का हो गया और तभी से इनका नाम गौरी पड़ा। महागौरी रूप में देवी का स्वरूप करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल प्रतीत होता है। देवी के इस रूप की प्रार्थना करते हुए देव और ऋषिगण कहते हैं-

सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते।।

Bharat Mata  की ओर से आप सभी को नवरात्र की अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

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