वक्त आता है चला जाता है | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Waqt Aata Hai Chala Jata Hai

वक्त आता है चला जाता है कभी हँसाता है कभी रुलाता है

वक्त आता है चला जाता है कभी हँसाता है कभी रुलाता है

वक्त सरिता की लहर बनकर लहराता है

कभी भवरों मे फसाकर पटकाता है

वक्त कभी मारता कभी बचाता है

अचरज है तिनका भी सहारा बन जाता है

वक्त आता है चला जाता है

वक्त का सलाम इस्लाम बन जाता है

वक्त का प्रणय मेरा राम बन जाता है

वक्त आता है चला जाता है कभी हँसाता है कभी रुलाता है

द्रौपदी की चीर सा बढ़ता ही चला जाता है

कभी श्री राम को भी वनवास दिला जाता है

भीम को पाचक अर्जुन को क्लीव बना जाता है

भील का वाण श्री कृष्ण को लग जाता है

वक्त से भगवान भी पार नहीं पाता है

तो ईश के गुणगान से वक्त कट जाता है

बाकी तो भाई सब यहीं धरा रह जाता है

वक्त आता है चला जाता है कभी हँसाता है कभी रुलाता है