याद तेरी बहुत आती है | Yaad Teri Bahut Aati Hai (Swami Ji Ke Swar) | Bharat Mata
शपथ लेते हैं, साथ ना चलते हैं
लाज छोड़कर भी मन मचलते हैं
पैर धरती पर स्वयं आकाश मे उड़ते हैं
बात-चीत मे जुबान की चाकू चल जाती है
चंद मिनटों मे दोस्ती मिट जाती है
तब तेरी याद बहुत आती है
चाल मे अकड़ थी , जोश था जवानी का
शात सम्मत भूल गए , दौर था मनमानी का
कहते थे कोई नहीं मेरी शानी का
दंब को लपेटे थे रूप धरे ज्ञानी का
थर-थर कापते हैं, जब पोल खुल जाती है
तब तेरी याद बहुत आती है
चेत जा बंदे अभी समय बाकी है
प्रभु के दर्शन करले अद्भुत झांकी है
आचमनी मे तृप्ति यहाँ अंजाम है न साकी है
धनी हो गया चरण जिसने पाकी है
यहाँ बिगड़ी हुई बात भी बन जाती है
तब तेरी याद बहुत आती है
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