सबसे बड़ी माता - भारतमाता | Kumbh Ki Smritiyan | Swami Satyamitranand ji Pravachan - 5

भारत माता चैनल प्रस्तुत करता है स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज की वाणी से प्रस्फुटित "कुम्भ की स्मृतियाँ"।

स्वामी जी कहते हैं धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात "धर्म की रक्षा करने पर वह (रक्षा करने वाले की) रक्षा करता है"। स्वामी जी के अनुसार जो व्यक्ति अधर्म करता है वह स्वयं को सुरक्षित रहने की स्थिति से दूर करता है। अधर्म करने वाले व्यक्ति को अवश्य यह लगता है की उसे कोई देख नहीं रहा है, परंतु प्रकृति के कई तत्व उस अधर्म के साक्षी बनते हैं।

स्वामी जी कहते हैं की अधर्म कभी सुख प्रदान नहीं करता। मनुष्य को विपत्ति मे भी अपने धर्म को नहीं छोड़ना चाहिए।

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