माँ भारती का रक्तिम श्रृंगार | भारत के स्वतंत्रता सेनानी | Bharat Mata
भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, और रानी लक्ष्मी बाई ये वो पुण्यात्माएं हैं जिनका नाम सुनते ही भारत की स्वतंत्रता और उसके संघर्ष की याद आती है। लेकिन भारतीय इतिहास में कुछ ऐसे नाम हैं जो देशसेवा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने में सदैव तत्पर तो रहे लेकिन वो नाम कोई जानता नहीं, उनके त्याग को कोई पहचानता नहीं| जिस आजाद देश में आज हम जी रहे हैं वो दरअसल इन्ही के पराक्रम और संघर्षों का फल है|
भारत के स्वतंत्रता सेनानी
भारत माता के इस विडिओ में आज हम कुछ ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानियों के बारे मे जानेंगे- इस श्रेणी में सबसे पहला नाम है-
1. वीरपंडिया कट्टाबोम्मन-
वीरपंडिया कट्टाबोम्मन 18वी शताब्दी के एक तमिल पालयककर और भारत के तमिल नाडु में एक पंचकुरिची सरदार थे| उन्होंने ब्रिटिश पूर्वी इंडिया कंपनी की संप्रभुता को स्वीकार न करते हुए उनके खिलाफ युद्ध किया| जिसे आगे चलकर पालीगर का पहला युद्ध कहा गया| उन्होंने आंदोलन और विद्रोह के माध्यम से ही हमेशा स्वांतन्त्रता का मार्ग प्रशस्त किया| 39 साल् की उम्र में अंग्रेज़ो द्वारा उन्हे फांसी दे दी गई थी|ब्रिटिश अत्याचार के विरुद्ध और भारत को स्वतंत्र कराने की उनकी पहल ने भारत की युवा पीढ़ी को भारतीय स्वतंत्रता के लिए प्रेरित किया| उनकी स्मृति आज भी प्रेरणा और त्याग का श्रोत है|
2. किट्टुर चेन्नम्मा-
किट्टुर की रानी चेन्नम्मा, एक ऐसी वीरांगना जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य का पालन करते हुए इतिहास में अपन नाम सुनहरे अक्षरों से अंकित किया| रानी चेन्नम्मा ने अपने पति और बेटे को खो देने के बाद भी किट्टुर के राज्यभार की रक्षा करते हुए अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता युद्ध का बिगुल फूँका और ऐसा करने वाली वह पहली वीरांगना बनी| रानी चेन्नम्मा का त्याग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सदा अविस्मरणीय रहेगा|
3. मंगल पांडे-
एक ब्रिटिश east इंडिया कंपनी का सिपाही जिसने 1857 में एक ऐसी क्रांती को जन्म दिया जिसने अंग्रेजी हुकूमत को अन्तः भारत से उखाड़ फेंका जी हाँ हम बात कर रहे हैं मंगल पांडे की| एक छोटी सी चिंगारी बंगाल से उठी और धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई| यह भले ही भारत के स्वाधीनता के संघर्ष का प्रथम प्रयास न रहा हो पर यह क्रांति निरंतर आगे बढ़ती गई| मंगल पांडे को अंग्रेजों द्वारा फांसी दे दी गई परंतु उसके पश्चात भारत में एक के बाद एक विद्रोहों और बगावतों का सिलसिला शुरू हो गया और यह सब मंगल पांडे के पराक्रम से संभव हो पाया| सच तो यह है की मंगल पांडे ने देशप्रेम की एक ऐसी चिंगारी को जन्म दिया जो आगे चलकर एक ज्वाला के रूप में प्रतिष्ठित हुई और भारत की स्वतंत्रता का कारण भी बनी|
4. रानी लक्ष्मी बाई-
मुर्दों में भी जान डाल दे,
उनकी ऐसी कहानी है
वो कोई और नहीं,
झांसी की रानी हैं।
जी हाँ हम बात कर रहे 1857 की राज्य क्रांति की शहीद वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की जिन्होंने अपने जीवन में अनेक दुखों को झेला पर कभी भी अपनी आजादी से समझौता नहीं किया, कभी भी अंग्रेजों के सामने अपना शीश नहीं झुकाया|
झांसी की रानी हर महिला के लिए आदर्श और प्रेरणा का स्त्रोत है|
5. तात्या टोपे-
पेशवा बाजीराओ पर अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों और अपने प्रिय दोस्त नानासहेब का अधिकार छिन जाने के पश्चात एक वीर योद्धा के मन में प्रातिशोध की ज्वाला कुछ इस प्रकार भड़की की कानपुर में इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और उन्हे हराने में भी सफल रहे| इस वीर योद्धा का नाम नाम है “तात्या टोपे”| तात्या टोपे हमेशा ही अपनी कुशल बुद्धि और चतुर नीतियों की वजह से अंग्रेजों को परास्त करने में सफल हुए| 1857 की क्रांति में उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई की सहायता करते हुए आजादी का यह अपना संघर्ष जारी रखा| अन्तः उनके एक देशद्रोही सहयोगी मान सिंह द्वारा धोका दिए जाने पर अंग्रेजों द्वारा इस वीर सपूत को फांसी पर चढ़ा दिया गया|
ऐसे वीर स्वतंत्रता सेनानियों को शत शत नमन| इन महान विभूतियों का त्याग और बलिदान सदा सदा के लिए एक प्रेरणारूपी दीपक बन कर हमारे समक्ष प्रज्ज्वलित रहेगा| हमारा प्रयास है कि भारत की भावी पीढ़ी इन अमर चेतनाओं से प्रेरणा प्राप्त करके सदा मात्रभूमि के गौरव और रक्षा के लिए समर्पित रहने का प्रयास करेगी|