एक आध्यात्मिक गुरु..संत..और विचारक की श्रृंखला में स्वामी रामकृष्ण परमहंस का नाम न केवल श्रद्धा और सम्मान से लिया जाता है बल्कि उनके जीवन ने स्वयं ये सिद्ध किया है कि वो ईश्वरीय अवतार का ही स्वरुप थे।
आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी की आज जयंती है दयानंद ने अपना सारा जीवन समाज की बदतर हालात को सुधारने, समाज में फैले अंधविश्वासों, पाखंड़ों और बुराइयों को दूर करने में लगा दिया।
समर्थ स्वामी रामदास का जन्म रामनवमी 1608 में गोदातट के निकट ग्राम जांब जिला जालना में हुआ। पिता सूर्याजीपंत ठोसर ग्राम कुलकर्णी राजस्व अधिकारी थे, माता का नाम राणूबाई था।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य का जन्म संवत 1356 माघ कृष्णा सप्तमी तीर्थराज प्रयाग के कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में पिता पुण्य सदन माता सुशीला के घर हुआ था.
परमहंस योगानंद बीसवीं सदी के एक आध्यात्मिक गुरू, योगी और संत थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया. योग का पूरे विश्व में प्रचार तथा प्रसार किया।
भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित बिस्मिल्ला खां के शहनाई वादन ने देश ही नहीं विदेश में भी ख्याति प्राप्त की | वे काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर में जाकर शहनाई बजाते ही थे
दुश्मन हम से केवल 50 गज की दूरी पर है। हमारी जन्नत ही बहुत कम रह गई है। हम भयंकर गोलीबारी का सामना कर रहे हैं। फिर भी मैं 1 इंच भी पीछे नहीं हटूंगा और अपनी आखिरी गोली और आखिरी सैनिक तक डाटा रहूंगा।
स्वामी विवेकानंद श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। स्वामी विवेकानंद को 1893 में शिकागो में हुई विश्व धर्म सम्मेलन में भारत को विश्वपटल पर एक नई पहचान दिलाई।
स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। स्वामी विवेकानंद सभी के लिए आदर्श हैं। उनके द्वारा कही गई हर बात को अगर हम अपने जीवन में शामिल कर लें
भीष्म पितामह को किसके श्राप के कारण बाणों की शय्या पर सोना पड़ा ? | Story Of Bhishma Pitamah
Teacher's Day Special | Sarvepalli Radhakrishnan के जन्मदिन पर ही क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे?
सैम बहादुर भारतीय सेना के वो महान सिपाही थे जिन्होंने अपनी बहादुरी और साहस से भारत-पाकिस्तान युद्ध में अद्वितीय योगदान दिया।