भारत के 5 सबसे अद्भुत और प्राचीन किले |Five most fabulous and ancient fortresses of india

किलों के बारें में यूं तो हम सब ही जानते हैं पर क्या आप उनसे जुडे उन रोचक तथ्यों के बारें में जानते हैं जो इन किलो को अद्भुत बनाते हैं आज हम उन्ही किलो से आपका परिचय कराएँगे| मध्य काल में विदेशी आक्रमण को ध्यान में रखते हुए भव्य किले बनाए जाने लगे|यह किले कई वर्षों पहले तैयार किये गए थे और यह आज भी अपनी सुंदरता से इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं साथ ही साथ यह किले अपने भीतर कुछ अचंभित और कुछ भयभीत कर देने वाले रहस्यों को समेटें हुए हैं| इन किलो की सूची में सबसे पहले स्थान पर है -

1)कुंभलगढ़ का किला-

कुम्भलगढ़ किले का निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था। यह किला राजस्थान में पहाड़ी पर स्थित है| कुंभलगढ़ किले के भीतर ही पन्ना धाय ने उदय सिंह का पालन पोषण छिपकर किया था|महाराणा प्रताप का जन्म भी कुंभलगढ़ किले में ही हुआ था|कुंभालगढ़ किले को अजयगढ़ किला भी कहा जाता है,यानि इसे भेदना असंभव था और इस कुंभलगढ़ किले पर किसी भी राजा महाराजा का विजय प्राप्त करना एक दुष्कर कार्य था| इसे "भारत की महान दीवार" के रूप में जाना जाता है।



 

2)भानगढ़ का किला,राजस्थान- 

अपने भयभीत कर देने वाले रहस्यों से मशहूर भानगढ़ किला, जहां हर कोई जाना चाहता तो है पर उससे पहले इसके बारें में कुछ बातें जानना बेहद जरूरी है,  भानगढ़ का किला तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है| इस किले की भूतिया कहानियों का खौफ इतना है कि सरकारी निर्देशानुसार सूर्यास्त के बाद इस किले में किसी भी व्यक्ति के जाने पर प्रतिबंध है|इस किले को भारत के भूतिया स्थानों में पहला स्थान प्राप्त है|

किले के प्रांगण में कई लोगों ने आत्महत्या की है या अस्वाभाविक रूप से मृत्यु हुई है।  

भानगढ़ किले से सम्बन्धित एक कहानी के अनुसार इस किले में एक तांत्रिक को मृत्यु की सजा दी गई थी, परंतु तांत्रिक ने मरने से पहले इस  किले के लोगो को श्राप दिया जिसके कारण ये किला और इसमें रहने वाले सभी लोग श्रापित हो गए और देखते ही देखते कुछ ही दिनों में पूरा भानगढ़ तबाह हो गया , कहा जाता है की आज भी उन लोगों की आत्माएँ वहाँ भटकती हैं और यही वजह है की भानगढ़ किले को भूतिया किला भी कहा जाता है| 

3)चित्तौरगढ़ किला, राजस्थान-

चित्तौरगढ़ किला राजस्थान में स्थित सबसे भव्य किला है|

चित्तौड़गढ़ का किला बेरच नदी के बाएं किनारे पर स्थित है जिस कारण इसे पानी का किला भी कहा जाता है| चित्तौरगढ़ किले में 113 मंदिर हैं और पानी के लिए 84 तालाब हैं| अलाउद्दीन खिलजी ने जब 1303 में इस किले पर हमला कर दिया तब उसने सभी मंदिरों को तोड़ दिया था| इसी कारण यहाँ की ज्यादा तर मूर्तियाँ क्षतिग्रस्त रूप में हैं|इसी किले में रानी पद्मिनी ने 16000 दासियों के साथ जौहर कुंड में कूदकर अग्नि में अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था| यह ऐतिहासिक किला महाराणा प्रताप और राजस्थान के महान राजपूत शासकों की वीरता का प्रतिनिधित्व करती है। किले के मंदिरों के बाहर कोई भिकारी नहीं दिखता क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि “यह मेवाड़ है यहाँ मांगने से अच्छा मर जाना बेहतर है”|

4)झांसी का किला-

इस विश्व प्रसिद्ध किले का निर्माण वर्ष 1613 में ओरछा के बुन्देल राजा बीरसिंह जुदेव द्वारा करवाया गया था|एक बार जब राजा किले पर खड़े थे तब उन्हे वहाँ से पहाड़ की परछाईं दिखी जिसे बुन्देली भाषा में झाई सी कहाँ गया बस तभी से बलवंत नगर झांसी बन गया|यह किला रानी लक्ष्मी बाई की शौर्य गाथा का प्रतीक है|1857 में अंग्रेजों के खिलाफ हुई क्रांति के दौरान, रानी लक्ष्मीबाई ने ही साहसपूर्वक ब्रिटिश सेना से युद्ध किया और उसके बाद घोड़े पर सवार होकर छलांग लगाते हुए किले से सफलतापूर्वक निकल गई थी| 

1857 में स्वतंत्रता संग्राम में महारानी लक्ष्मी बाई के त्याग और बलिदान की स्मृतियों को सहेजे यह किला आज भी देशप्रेम का एक अमर स्मृति चिन्ह है|

5)आमेर का किला,राजस्थान-

राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर में दिल्ली हाईवे के पास अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों पर स्थित आमेर का किले को अम्बर  का किला भी कहा जाता है| कहा जाता है की इस किले में अकबर के सेनापति माँ सिंह का खजाना छिपा हुआ है|यह किला अपनी अनूठी वास्तुशैली और शानदार संरचना के लिए मशहूर है| इस किले का निर्माण राजा मान सिंह द्वारा 16वीं शताब्दी में किया गया था|यह किला आज भी अपने सम्पूर्ण वैभव के साथ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है|

तो यह थे भारत के 5 अद्भुत किले और उनसे जुड़े कुछ रहस्यमयी और रोचक तथ्य जो इन किलो को भारत के इतिहास का मूकसाक्षी बनाते हैं| आशा करता हूँ आपको यह विडिओ पसंद आया होगा , ऐसे ही और वीडियोज़ के लिए आप हमारे साथ बने रहे|

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