Tribute To SavitriBai Phule | सावित्रीबाई फुले जी की पुण्यतिथि | Bharat Mata
19वीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों, अशिक्षा छुआछूत सती प्रथा बाल या विधवा विवाह जैसी कुरीतियों पर आवाज उठाने वाली देश की पहली महिला शिक्षिका थी। महाराष्ट्र में जन्मी सावित्रीबाई फुले सावित्रीबाई ने अंधविश्वास और रूढ़ियों की बेड़ियां तोड़ने के लिए लंबा संघर्ष किया। इनका जन्म 3 जनवरी 18 से 31 को हुआ था। इनके पिता का नाम खंडूजी ने वैसे और माता का नाम लक्ष्मी था। अपने पति समाज सुधारक ज्योतिराव फुले से शिक्षा का दान लेकर उन्होंने सामाजिक चेतना फैलाई। इन ए जीवन का उद्देश्य विधवा, विवाह कराना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना था। उन्हें मराठी की आधी कवित्री के रूप में भी जाना जाता था। समाज के लिए कार्य करते हुए आपने कई परेशानियां झेली जब कन्याओं को पढ़ाने स्कूल जाती थी तो विरोधी उन पर पत्थर फेंके थे। सावित्रीबाई अपने थैले में लेकर चलती थी और स्कूल पहुंचकर गंदी साड़ी बदल लेती थी। 1848 में इन्होंने महिला विद्यालय 1 वर्ष में सावित्रीबाई और महात्मा फुले पांच नए विद्यालय खोलने में सफल हुए तत्कालीन सरकार ने इन्हें सम्मानित भी किया। एक महामारी में सावित्रीबाई लेकर मरीजों की सेवा करती थी। एक लेख से प्रभावित बच्चे की सेवा करने के कारण इनको भी प्ले हो गया था। 10 मार्च 18 से 97 को लेकर कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया। सावित्रीबाई फुले को भारत समन्वय परिवार की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि प्राप्त करने के लिए हमारे चैनल Bharat Mata को सब्सक्राइब करें।
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