जीवन भर उपेक्षा सहकर, सुयश त्याग कर, राम को पुरुषोत्तम बनाकर मानवता को अनुपम भेट और कीर्ति के नए मापदंड देने वाली माता कैकेयी ( The truth of Kaikeyi, kaikeyi ka anutap ) को समर्पित है Bharat Mata की ये प्रस्तुति।
ज्ञानज्योति सावित्री बाई फुले के जीवन का उद्देश्य था कि किसी के साथ भेदभाव ना हो होने पाए। ये भारत की पहली महिला शिक्षक, कवियत्री, समाजसेविका थीं, जिनका लक्ष्य लड़कियों को शिक्षित करना था
रानी लक्ष्मीबाई केवल झांसी का रानी न होकर सम्पूर्ण विश्व के लिए एक प्रेरणा हैं.. एक ऐसी प्रेरणा जिन्होंने गोद लिए हुए बच्चे के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी.
इतिहास में भारतीय नारी ने कितने कष्ट सहकर भी अपने पतिव्रत धर्म का पालन भली-भांति किया है भारतवर्ष की महान पतिव्रत धर्म का पालन करने वाली महिलाओं में से एक माता अनुसूया है। जिनको पांच पतिव्रता देवियों में स्थान मिला है।
सीतापुर का इतिहास सतियों की महिमा से मंडित है. सीतापुर का इतिहास गौरवशाली स्त्रियों के लिए जाना जाता है. इनमें से एक हैं सती जयदेवी. सती जयदेवी ने सरयूप्रसाद गुप्त के घर में 1932 में जन्म लिया
शिवाजी के जीवन की प्रेरणास्रोत राजमाता जीजाबाई की कहानी । Story of Rajmata Jijabai
रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है. मदर टेरेसा को नोबेल पुरस्कार मिला था. इस पुरस्कार में मिली राशि से मदर टेरेसा ने भारत में गरीबों की मदद की. मदर कैथलिक थी.
परमभक्त और कवियत्री मीराबाई का पूरा जीवन कृष्ण भक्ति करते व्यतीत हुआ। उनके जीवन में कृष्ण भक्ति से बढ़कर कुछ नहीं था। जीवन की विषम परिस्थितियों में भी वह भगवान कृष्ण के गुणगान में लीन रहीं।
परम विदुषी, सती एवं आदर्श माता मदालसा गंधर्वराज विश्वावसु की पुत्री थी. इनका विवाह चक्रवर्ती महाराज शत्रुजित के पुत्र ऋतुध्वज के साथ हुआ. सती मदालसा अपनी सेवा से सास-श्वसुर को सदैव संतुष्ट रखती थी.
नीरजा भनोट ने अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाई थी. पूरा देश उनके इस बलिदान को हमेशा याद करता है. नीरजा को सबसे कम उम्र में अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था | नीरजा को ये सम्मान मरणोपरांत मिला था.
अत्यंत वीर व कर्तव्यनिष्ठ कस्तूरबा गाँधी, ‘बापू’ की धर्मपत्नी थी पतिव्रता कस्तूरबा ने न केवल मोहनदास करमचंद गाँधी को महात्मा बनाया, साथ ही समस्त देश को स्वतंत्रता के उपदेश दिए।
रावण राज मे अपनी ममता व दया भावना के लिए प्रसिद्ध माता त्रिजटा को भारत माता परिवार कोटि-कोटि नमन करता है। यह वही माता त्रिजटा हैं, जिन्होंने वन मे माता सीता को सदैव धैर्य बँधाया और दिलासा दिया।