गीता के माध्यम से जानिए-भारतीय दर्शन की क्या पहचान है | Shrimad Bhagwat Geeta | Satyamitranand Ji

प्रस्तुत विडिओ मे स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज जी कहते हैं की इस संसार मे जिस व्यक्ति का हृदय भक्ति मे विलीन हो जाता है, उसमे कृतज्ञता की भावना विकसित हो जाती है। स्वामी जी कहते हैं की उनके दिए हुए प्रवचन ईश्वर की भक्ति है वो ईश्वर को शब्दों के पुष्प अर्पित कर रहे हैं, और जो लोग इसका श्रवण करते हैं अर्थात जो लोग इन पुष्पों को स्वीकार कर रहे हैं वो महान हैं।

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