गीता ज्ञान यज्ञ श्री हरिहर मारूती धाम (2011) भाग- 1 | Geeta Gyan Yagya Sri Harihar Maruti Dhaam 2011

गीता ज्ञान यज्ञ श्री हरिहर मारूती धाम (2011)भाग- 1  | Geeta Gyan Yagya Sri Harihar Maruti Dhaam 2011 - ब्रह्मलीन स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज

प्रस्तुत वीडियो में स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी आध्यात्मिक चर्चा करते हुए कहते हैं कि अच्छा है हम सब हनुमान जी की छत्र छाया में बैठे हुए हैं. मुझे ऐसा लगता है कि श्री कृष्ण अर्जुन को गीता न सुना पाते. यदि उनके रथ पर हनुमान जी विराजमान न होते. हनुमान जी श्री कृष्ण से कहते हैं कि इन लोगों को गीता ज्ञान देना नहीं तो तुम्हारी ध्वजा पर मेरा नाम नहींं रहेगा. मेरे मान के साथ तुम अपने ज्ञान को जीवित रखना. अपनी करूणा को प्रभावित रखना और अपने शौर्य का भी दर्शन कराना. अपने राष्ट्र के इतिहास का भी चिंतन करना.

अन्याय का मर्जन करने के लिए संसार को संदेश देना कि पापी का वध करना पाप नहीं है. ऐसा दृष्टिकोण देने का प्रयास करना. भगवान का नाम सबसे श्रेष्ठ है. सज्जनों से विचार करना चाहिए. विचार और संकल्प से ही कोई क्रिया प्रारंभ होती है. अगर भगवान का नाम आपके साथ हो तो संकल्प भी शुभ आएंगें. संकल्प शुभ होंगे तो विचार भी अच्छे होंगें |