गीता ज्ञान यज्ञ श्री हरिहर मारूती धाम भाग-2 (2011) | Geeta Gyan Yagya Sri Harihar Maruti Dhaam

गीता ज्ञान यज्ञ श्री हरिहर मारूती धाम (2011)भाग- 2  | Geeta Gyan Yagya Sri Harihar Maruti Dhaam 2011 - स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज

स्वामी सत्यामित्रानंद जी की आध्यात्मिक चर्चा

इस वीडियो में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने गीता के गूढ़ रहस्यों को स्पष्ट करते हुए बताया है कि हम सभी का सौभाग्य है कि हम हनुमान जी की छत्रछाया में हैं।

उन्होंने कहा कि यदि हनुमान जी अर्जुन के रथ पर विराजमान न होते, तो श्री कृष्ण गीता का ज्ञान देने में सक्षम न होते। हनुमान जी ने श्री कृष्ण को याद दिलाया कि गीता का ज्ञान देना अनिवार्य है, अन्यथा उनकी ध्वजा पर हनुमान जी का नाम नहीं रहेगा।

 

आध्यात्मिक संदेश और विचार

स्वामी जी ने बताया कि:

  • भगवान का नाम सबसे श्रेष्ठ है।
  • सज्जनों के साथ विचार-विमर्श करना आवश्यक है।
  • सही विचार और शुभ संकल्प से ही कोई भी क्रिया शुरू होती है।
  • यदि भगवान का नाम आपके साथ हो, तो आपके संकल्प और विचार दोनों शुभ होंगे।

यह चर्चा हमारे राष्ट्र के इतिहास और अन्याय के खिलाफ उठने वाले संदेशों की ओर भी ध्यान केंद्रित करती है।

अन्याय का मर्जन और धर्म की रक्षा

स्वामी जी ने कहा कि संसार को यह संदेश देना चाहिए कि पापी का वध करना पाप नहीं है। धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष में, धर्म की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

यह प्रेरणादायक प्रवचन स्वामी जी की करूणा, शौर्य, और गीता के प्रति गहन समझ को दर्शाता है।

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