द्रोणाचार्य को समस्त भारत के सबसे महान गुरुओं में से एक माना जाता है। वह दुनिया के उन चंद गुरुओं में से एक हैं जिनके शिष्य ने उनका सम्मान बढ़ाया। महाभारत में अर्जुन से सभी परिचित हैं, और अर्जुन की पहचान "द्रोण शिष्यअर्जुन" के रूप में है।
वल्लभाचार्य, जिन्हे महाप्रभु वल्लभाचार्य के रूप में जाना जाता है, 15 वीं सदी के संत, विद्वान और आध्यात्मिक नेता थे, जिनकी शिक्षाओं ने दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रेरित किया है।
सप्तर्षि तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध के आकाश में रात्रि में दिखने वाला एक तारामंडल है। इसे आकाश में सात तारों के समूह के रूप में देखा जा सकता है। पद्मपुराण, विष्णु पुराण और मत्स्य पुराण समेत कई धर्म ग्रंथों में सप्त ऋषियों का उल्लेख मिलता है।
प्रस्तुत लेख में भगवान परशुराम जयंती का वर्णन किया गया हैं भारतीय ऋषि परंपरा में एक अत्यंत गौरवान्वित नाम है – महान ऋषि परशुराम का। उनका जन्म भृगुवंश में हुआ था।
महर्षि वाल्मीकि की जीवनगाथा, रामायण की रचना, और भारतीय संस्कृति के महान योगदान को जानें। इस लेख में पढ़ें उनकी शिक्षाएँ, वाल्मीकि जयंती का महत्त्व, और आदिकवि के रूप में उनकी प्रतिष्ठा।
प्रस्तुत लेख "भारत माता" द्वारा भारत की संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना को दर्शाता है। इसमें ऋषि वशिष्ठ के योगदान, सप्तऋषियों की महिमा, योग वशिष्ठ के गहन ज्ञान और भारतीय परंपरा में ऋषियों के महत्व को विस्तार से बताया गया है। अधिक जानें!
प्रस्तुत लेख भारत माता द्वारा महर्षि पतंजलि के योग विज्ञान, उनकी 195 योग सूत्रों, वेदांत के शाश्वत सत्य और मोक्ष के रहस्य पर प्रकाश डालता है। जानिए पतंजलि के अवतार, महाभाष्य और आयुर्वेद में उनके अद्वितीय योगदान के बारे में।
प्रस्तुत लेख "भारत माता" द्वारा मार्कंडेय ऋषि के अमरत्व, तपस्या, और ज्ञान पर केंद्रित है। जानें उनकी महिमा, महान ग्रंथ मार्कंडेय पुराण की रचना, और भारतीय धर्मशास्त्र में उनका योगदान।
प्रस्तुत लेख Bharat Mata द्वारा महर्षि भृगु के जीवन, उनके योगदान और भगवान विष्णु पर किए गए वार की कहानी का विस्तार से वर्णन किया गया है। जानें महर्षि भृगु की दिव्य रचनाओं, भृगु संहिता, और त्रिदेवों की परीक्षा के बारे में।
प्रस्तुत लेख भारत माता द्वारा भगवान महावीर के प्रेरणादायक जीवन, अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह और अस्तेय जैसे पंचशील सिद्धांतों का महत्व समझाने हेतु लिखा गया है। महावीर जयंती, उनके उपदेशों और निर्वाण की विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें।
महर्षि सुश्रुत एक प्राचीन भारतीय शल्य चिकित्सक और प्लास्टिक सर्जरी के जनक थे। वे 'सुश्रुत संहिता' के लेखक हैं, जो चिकित्सा और शल्य चिकित्सा पर एक व्यापक पाठ्यपुस्तक है।