भारत माता की यह प्रस्तुति गीता ज्ञान श्रंखला के तीसरे अध्याय -"कर्मयोग" को समर्पित है। जिसमें भगवान श्री कृष्णअर्जुन को कर्म करने के महत्व और उसके सही आचरण के बारे में उपदेश देते हैं।
भारत माता की यह प्रस्तुति गीता ज्ञान श्रंखला के दूसरे अध्याय - सांख्य योग को समर्पित है। द्वितीय अध्याय में सांख्य अथवा सन्यास मार्ग का विवेचन है।
भारत माता की यह प्रस्तुति गीता ज्ञान श्रंखला के प्रथम अध्याय - विषाद योग को समर्पित है। प्रथम अध्याय में जगत के रूपों का वर्णन है