भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम ज्ञानी और राम भक्त काकभुशुंडी के जीवन और उनकी अमरता का वर्णन है। साथ ही काकभुशुंडी और पितृपक्ष का संबंध भी वर्णित है।
भारत माता की इस प्रस्तुति मे द्रोणाचार्य के पुत्र और अष्ट चिरंजीवियों मे से एक अश्वत्थामा के जन्म से लेकर उसके पापों के कारण उसकी अमरता तक की कथा वर्णित है।
कैंची धाम के सुप्रसिद्ध संत नीम करौली बाबा जी को समर्पित भारत माता की इस प्रस्तुति मे, हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा जी से जुड़ी चमत्कारिक कथाओं का संग्रह है। प्रत्येक कथा के माध्यम से भक्ति एवं शक्ति की अनुभूति होती है।
क्या आप जानते हैं माता आदि शक्ति का नाम दुर्गा कैसे पड़ा? नवरात्रि का इतिहास, इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई? दुर्गा का अर्थ हुआ परमात्मा की वह शक्ति जो अंधकार, कठिनाइयों दुखों, बुराइयों व कष्टों का नाश करके हमें प्रकाश, सुख तथा आनन्द की ओर ले जाती है उसे दुर्गा कहते हैं।
भारत माता की इस प्रस्तुति मे देवराज इन्द्र की महिमा व इस रोचक तथ्य का वर्णन है की इन्द्र किसी व्यक्ति का नाम नहीं अपितु एक पदवी/उपाधि का नाम है।
प्राचीनकाल में जब मंदिर बनाए जाते थे तो वास्तु और खगोल विज्ञान का ध्यान रखा जाता था। इसके अलावा राजा-महाराजा अपना खजाना छुपाकर इसके ऊपर मंदिर बना देते थे
पुराने समय से ही दुनिया भर में कई सारी प्राकृतिक व मानव निर्मित गुफ़ाए मौजूद हैं, पर क्या आप इन गुफ़ाओ के पीछे का रहस्य जानते है ?
कैसे हुई थी रुद्राक्ष की उत्पत्ति? | भगवान शिव और रुद्राक्ष का सम्बन्ध | Story of Rudraksha in Hindi
रामायण के अनुसार, माता कैकेयी ने महाराज दशरथ से भगवान राम के लिए 14 वर्षों के लिए वनवास मांगा था, जिसकी वजह से रावण का अंत हो सका।
प्रस्तुत विडिओ के माध्यम से जानिये पूर्णिमा और अमावस्या के महत्त्व, खगोलीय कारण व कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष से जुड़ी पौराणिक कथा।
श्रीमद्भागवद्गीता एक ऐसा पावन ग्रन्थ है.. जो अपने आप में समग्र एवं सम्पूर्ण है इसमें मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों के साथ साथ आध्यात्मिक जीवन शैली के सभी मनोभावों का समावेश है।
द्वारिका नगरी भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। परंपरागत रूप से इस नगरी को भगवान श्री कृष्ण की नगरी कहा जाता है, जहां उन्होंने अपना राज्य स्थापित किया था।