गाओ जीवन गान - स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महराज द्धारा रचित सुन्दर कविता |
जिस मनुष्य को अपने अंतर का ज्ञान हो जाता है उसका अपने मूल से प्रेम होना स्वाभाविक है | सत्संग का ध्येय ही मनुष्य का अपने मूल से परिचय कराना है और इस दृष्टि से सत्संग की महिमा अद्वितीय है|
भक्तों को आशीर्वाद के रूप में पुण्य का स्वरुप प्रदान करने वाले भगवान शंकर सदैव अपने सच्चे भक्तों से प्रसन्न रहते हैं|
आनंद का सिंधु- ब्रहमलीन स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज | संसार में हर किसी को सुख और शांति की अभिलाषा है | जीवन की संपूर्ण यात्रा सुख और शांति के लिए है.
गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata
गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata
क्रोधपूर्वक काम करने वाले इंसान को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन जिसके शीश पर मां गंगा रहती हैं. वह हमेशा ठंडा रहता है. इससे मानव का जीवन सदाचारी रहेगा
महादेव के वर्णन के साथ माता गंगा का भी वर्णन जरूरी होता है. हमारी गंगा माता भी पूजनीय हैं. मां गंगा सभी शिलाओं को खंडित करती हुई भूमि पर मनुष्यों के कल्याण के लिए आई हैं
महादेव के वर्णन के साथ माता गंगा का भी वर्णन जरूरी होता है. हमारी गंगा माता भी पूजनीय हैं. मां गंगा सभी शिलाओं को खंडित करती हुई भूमि पर मनुष्यों के कल्याण के लिए आई हैं
भगवान की महिमा का वर्णन किसी को सुनाने या दिखाने के लिए नहीं किया जाता है. मनुष्य का जीवन परमात्मा की भक्ति करने के लिए मिला है. इसलिए इसे व्यर्थ के कार्यों को करने में बर्बाद न करें
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन को भगवान शिव के भक्त धूमधाम से मानते हैं. सभी देवतागण भगवान शिव के विवाह से प्रसन्न है कि आखिरकार शिव विवाह के लिए मान गए हैं
शिवार्चना हरिद्धार भाग - 3 | Shiv Archana Haridwar Part - 3 | Satyamitranand Maharaj देवों के देव महादेव की महिमा का वर्णन किया गया है. भगवान शंकर जैसा कोई नहीं है, क्योंकि वह किसी का भी भाग्य बदल दे