प्रवचन

गीता के माध्यम से जानिए भोजन के लिए जीवन या जीवन के लिए भोजन? | स्वामी सत्यमित्रानंद जी | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने गीता के माध्यम वर्णित किया है की भोजन के लिए जीवन या जीवन के लिए भोजन?

पुत्र कुपुत्र हो सकता है पर माता कुमाता नहीं | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | कुंभ प्रवचन

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम वर्णित किया है की पुत्र कुपुत्र हो सकता है पर माता कुमाता नहीं, यही कारण है की गंगा मैया ने सभी को समान रूप से अपनाया है।

नारायण का क्या अर्थ है? | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Pravachan | महाकुंभ प्रयागराज

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम वर्णित किया है, कुम्भ के आध्यात्मिक महत्व, माता गंगा की महिमा और नारायण का अर्थ क्या है। | स्वामी जी के अनुसार कुम्भ मात्र एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा अद्भुत अनुभव है

चित्र चरित्र का निर्माण कैसे करता है | Swami Satyamitrananad Ji Maharaj | Kumbh Pravachan - 6

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम वर्णित किया है की जीवन मे दर्शन और श्रवण से कितने परिवर्तन आते हैं। इस प्रस्तुति मे स्वामी जी ने कहा है की कुम्भ मे आत्म को परमात्मा से जुडने का अवसर मिलता है।

सबसे बड़ी माता - भारतमाता | Kumbh Ki Smritiyan | Swami Satyamitranand ji Pravachan - 5

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम वर्णित किया है की अधर्म कभी सुख प्रदान नहीं करता। मनुष्य को सदा अपने धर्म का पालन करना चाहिए।

भारतीय संस्कृति पारदर्शिता का संदेश देती है | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Kumbh Pravachan - 4

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम वर्णित किया है की इस संसार में सभी भौतिक सुख-सुविधाओं को भूल जाना चाहिए, लेकिन अपनी माटी का सम्मान को कभी नहीं भूलना चाहिए।

क्या लेकर आया जग में, क्या लेकर जाएगा | स्वामी जी प्रवचन Part 3

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम वर्णित किया है की जीवन में हम क्या लेकर आते हैं और अंत में क्या लेकर जाते हैं। स्वामी जी के शब्दों में कुम्भ का मेला "प्रयागराज क्रांति का पर्व" है।

कुंभ मेला — अमृतत्व की साधना | Amritatva ki Sadhana | Swami ji Kumbh Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम से सच्ची साधना के विषय मे संदेश प्रस्तुत किये हैं। कुम्भ के माध्यम से अमृत यात्रा का अनुभव होता है।

उठो जागो और लक्ष्य प्राप्त होने तक रुको मत | Swami Satyamitranand Maharaj | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने कुम्भ की स्मृतियों के माध्यम से समस्त जनमानस को संदेश दिया है की "उठो जागो और लक्ष्य प्राप्त होने तक रुको मत"। स्वामी जी के वचन हमे आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करते हैं।

गीता के माध्यम से जानिए चारों वर्ण ईश्वर से ही उत्पन्न हुए हैं | Shrimad Bhagwat Geeta | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने गीता के माध्यम से बताया है की चारों वर्णों की उत्पत्ति कैसे हुई। स्वामी जी के अनुसार संसार मे सभी ईश्वर की इच्छा से उत्पन्न हुए हैं।

गीता के माध्यम से जानिए क्या है सात्विक धर्म यात्रा - Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने गीता के माध्यम से सात्विक धर्मयात्रा का वर्णन किया है। स्वामी जी के अनुसार हर भक्त का यह प्रयास होना चाहिए कि उनका जीवन ईश्वर के मार्गदर्शन में संचालित हो।

गीता के माध्यम से जानिए ज्ञान से बढ़कर कुछ श्रेष्ठ नहीं | Shrimad Bhagwat Geeta | Swami JI Pravchan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे परम पूजनीय स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने गीता के माध्यम से वर्णित किया है की इस संसार मे ज्ञान से बढ़कर कुछ श्रेष्ठ नहीं है। ज्ञान ही सर्वत्र व सर्वश्रेष्ठ है।