प्रवचन

गीता के प्राकट्य का उद्देश्य क्या था ? | Shrimad Bhagavad Gita - Swami Ji

भगवद गीता का उद्देश्य परमात्मा, आत्मा, और सृष्टि विधान के ज्ञान को स्पष्ट करना है, प्रस्तुत प्रवचन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज के भक्ति-भाव से पूर्ण वचनों द्वारा जानिए गीता के प्राकट्य का उद्देश्य क्या था?

कुरुक्षेत्र के मैदान में कैसे दूर हुआ अर्जुन का मोह | Swami Satyamitranand Maharaj ji

स्वामी जी बताते हैं की इस संसार मे किसी व्यक्ति के लिए सबसे दुर्लभ कार्य अपने स्वभाव को परिवर्तित करना है, यही कारण है की युद्ध भूमि मे अर्जुन विचलित हो रहे थे। Pravachan By Swami Satyamitranand Maharaj ji | Bharat Mata

गाओ जीवन गान | Gao Jeevan Gaan | Bharat Mata

गाओ जीवन गान - स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महराज द्धारा रचित सुन्दर कविता |

अंतर के परमात्मा का दर्शन | Antar Ke Parmatama Ka Darshan | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj

जिस मनुष्य को अपने अंतर का ज्ञान हो जाता है उसका अपने मूल से प्रेम होना स्वाभाविक है | सत्संग का ध्येय ही मनुष्य का अपने मूल से परिचय कराना है और इस दृष्टि से सत्संग की महिमा अद्वितीय है|

अभिषेक की महिमा | Abhishek Ki Mahima |Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

भक्तों को आशीर्वाद के रूप में पुण्य का स्वरुप प्रदान करने वाले भगवान शंकर सदैव अपने सच्चे भक्तों से प्रसन्न रहते हैं|

आनंद का अर्थ क्या है(आनंद का सिंधु) | Aanand Ka Aarth Kya Hai (Aanand Ka Sindhu)

आनंद का सिंधु- ब्रहमलीन स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज | संसार में हर किसी को सुख और शांति की अभिलाषा है | जीवन की संपूर्ण यात्रा सुख और शांति के लिए है.

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 2 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 6 | Shiv Archana Haridwar Part - 6 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

क्रोधपूर्वक काम करने वाले इंसान को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन जिसके शीश पर मां गंगा रहती हैं. वह हमेशा ठंडा रहता है. इससे मानव का जीवन सदाचारी रहेगा

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 5 | Shiv Archana Haridwar Part - 5 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

महादेव के वर्णन के साथ माता गंगा का भी वर्णन जरूरी होता है. हमारी गंगा माता भी पूजनीय हैं. मां गंगा सभी शिलाओं को खंडित करती हुई भूमि पर मनुष्यों के कल्याण के लिए आई हैं

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 5 | Shiv Archana Haridwar Part - 5 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

महादेव के वर्णन के साथ माता गंगा का भी वर्णन जरूरी होता है. हमारी गंगा माता भी पूजनीय हैं. मां गंगा सभी शिलाओं को खंडित करती हुई भूमि पर मनुष्यों के कल्याण के लिए आई हैं

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 4 | Shiv Archana Haridwar Part - 4 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

भगवान की महिमा का वर्णन किसी को सुनाने या दिखाने के लिए नहीं किया जाता है. मनुष्य का जीवन परमात्मा की भक्ति करने के लिए मिला है. इसलिए इसे व्यर्थ के कार्यों को करने में बर्बाद न करें