प्रवचन

आनंद का अर्थ क्या है(आनंद का सिंधु) | Aanand Ka Aarth Kya Hai (Aanand Ka Sindhu)

आनंद का सिंधु- ब्रहमलीन स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज | संसार में हर किसी को सुख और शांति की अभिलाषा है | जीवन की संपूर्ण यात्रा सुख और शांति के लिए है.

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 2 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

गुरू पूर्णिमा महोत्सव लंदन - 2012 | Part - 1 | Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj | Bharat Mata

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 6 | Shiv Archana Haridwar Part - 6 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

क्रोधपूर्वक काम करने वाले इंसान को हमेशा नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन जिसके शीश पर मां गंगा रहती हैं. वह हमेशा ठंडा रहता है. इससे मानव का जीवन सदाचारी रहेगा

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 5 | Shiv Archana Haridwar Part - 5 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

महादेव के वर्णन के साथ माता गंगा का भी वर्णन जरूरी होता है. हमारी गंगा माता भी पूजनीय हैं. मां गंगा सभी शिलाओं को खंडित करती हुई भूमि पर मनुष्यों के कल्याण के लिए आई हैं

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 5 | Shiv Archana Haridwar Part - 5 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

महादेव के वर्णन के साथ माता गंगा का भी वर्णन जरूरी होता है. हमारी गंगा माता भी पूजनीय हैं. मां गंगा सभी शिलाओं को खंडित करती हुई भूमि पर मनुष्यों के कल्याण के लिए आई हैं

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 4 | Shiv Archana Haridwar Part - 4 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

भगवान की महिमा का वर्णन किसी को सुनाने या दिखाने के लिए नहीं किया जाता है. मनुष्य का जीवन परमात्मा की भक्ति करने के लिए मिला है. इसलिए इसे व्यर्थ के कार्यों को करने में बर्बाद न करें

शिव पार्वती विवाह | Shiv Parvati Vivah | Bharat Mata

प्रस्तुत लेख भारत माता द्वारा महाशिवरात्रि के महत्व पर आधारित है, जब भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन को भगवान शिव के भक्त धूमधाम से मानते हैं, और सभी देवतागण भगवान शिव के विवाह से प्रसन्न हैं कि आखिरकार शिव विवाह के लिए मान गए हैं।

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 3 | Shiv Archana Haridwar Part - 3 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

प्रस्तुत लेख भारत माता द्वारा "शिवार्चना हरिद्धार भाग - 3 | Shiv Archana Haridwar Part - 3 | Satyamitranand Maharaj" पर आधारित है, जिसमें देवों के देव महादेव की महिमा का वर्णन किया गया है। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज भगवान शंकर के अद्वितीय गुणों को उजागर करते हुए बताते हैं कि भगवान शंकर जैसा कोई नहीं है, क्योंकि वह किसी का भी भाग्य बदलने की क्षमता रखते हैं। इस लेख में महादेव के साथ जुड़ी शक्तियों और उनके भक्तों के लिए आशा की किरण पर प्रकाश डाला गया है।

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 2 | Shiv Archana Haridwar Part - 2 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

प्रस्तुत लेख भारत माता द्वारा "शिवार्चना हरिद्वार भाग - 2 | Shivarchana Haridwar Part - 2 | Satyamitranand Maharaj" पर आधारित है। इस लेख में स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज के उपदेशों के माध्यम से बताया गया है कि परमात्मा व्यापक और सर्वव्यापी हैं, और वह हमेशा हमारे साथ रहते हुए हमारी मदद करते हैं।

शिवार्चना हरिद्धार भाग - 1| Shiv Archana Haridwar Part - 1 | Satyamitranand Maharaj | Bharat Mata

प्रस्तुत लेख भारत माता द्वारा स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महराज के उपदेशों और जीवन दर्शन पर आधारित है। इस लेख में स्वामी जी के जीवन के प्रेरणादायक पहलुओं के साथ-साथ भगवान शिव के भक्तों के प्रति स्नेह और उनके मार्गदर्शन पर चर्चा की गई है।

पाटोत्सव समारोह रेणुकूट भाग -4 | Patotsav Samaroh Renukut Part - 4 | Bharat Mata

पाटोत्सव समारोह रेणुकूट भाग -4 | Patotsav Samaroh Renukut Part - 4 इस संसार के प्रत्येक व्यक्ति को मोक्ष की इच्छा होती है. मनुष्य हो या जीव मोक्ष को पाने के लिए हमेशा आतुर रहता है