प्रवचन

भजन का क्या अर्थ है | अध्यात्म रामायण | Swami Satyamitranand ji Maharaj | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज ने वर्णित किया है कि भजन का अर्थ क्या है? उनके अनुसार भजन का अर्थ जीवन के प्रत्येक क्षण में ईश्वर की अनुभूति करना है।

प्रतिकूलता में भी प्रसन्न रहिए | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Adhyatma Ramayan | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज ने वर्णित किया है कि मनुष्य को प्रतिकूलता मे भी प्रसन्न रहना चाहिए। क्योंकि जब जीवन में प्रतिकूलताएं आती हैं, तो वे केवल हमारे कर्मों का ऋण चुकाने का अवसर होती हैं।

गीता के माध्यम से जानिए: ईश्वर किसे कहते हैं | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Bhagwad Geeta

भारत माता की इस प्रस्तुति में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज ने गीता के माध्यम से बताया है कि ईश्वर किसे कहते हैं। श्रीमद्भगवद्गीता एक ऐसा दिव्य ग्रंथ है, जो जीवन के हर मोड़ पर हमें मार्गदर्शन करता है।

मनुष्य अपना शत्रु - मित्र स्वयं है | Swami Satyamitranad Ji Maharaj | Bhagwad Geeta | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज कहते हैं कि मनुष्य ही अपना शत्रु एवं मित्र होता है। यदि कोई व्यक्ति अपने विवेक का सही उपयोग करता है तो वह अपना मित्र बन जाता है, लेकिन यदि वह बिना विवेक के कार्य करता है तो वही उसका शत्रु बन जाता है।

श्रीमद भगवद गीता: श्री कृष्ण ने कहा- चलाओ बाण मिलेगा निर्वाण | Swami Satyamitranand Ji Maharaj

भारत माता की इस प्रस्तुति में स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज बताते हैं कि श्रीमद भगवद गीता मे श्री कृष्ण ने कहा है कि चलाओ बाण मिलेगा निर्वाण।

गीता – विश्व का ग्रंथ || Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Bhagwad Geeta | Pravachan | Bharat Mata

भारत माता की इस प्रस्तुति मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज बताते हैं कि गीता केवल बुद्धि से समझी नहीं जा सकती, इसके लिए भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव की आवश्यकता होती है।

जीवन के सत्य का स्मरण कीजिए | Swami Satyamitranad Ji Maharaj | Bhagwad Geeta | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज कहते हैं कि जीवन मे सत्य का स्मरण और सत्य की स्तुति अति महत्वपूर्ण है।

कर्म करो, फल की चिंता मत करो | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Bhagwad Geeta | Pravachan

भारत माता चैनल की इस प्रस्तुति मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज कहते हैं कि कर्म करो फल की चिंता, मत करो। अपने कर्मों का फल भगवान को समर्पित करना, शांति प्राप्त करने का सबसे सशक्त मार्ग है।

गीता का कृष्ण अध्यात्म का परब्रह्म है | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Bhagwad Geeta | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज बताते हैं कि गीता का कृष्ण अध्यात्म का परब्रह्म है। स्वामी जी कहते हैं कि संन्यास का मतलब है अपने भीतर के संसार से मुक्त हो जाना, बिना किसी आकांक्षा या द्वेष के कर्म करना।

गीता के माध्यम से जानिए मंदिर संस्कारों का केंद्र है | Swami Satyamitranand ji Maharaj | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज ने इस बात को स्पष्ट किया कि मंदिर संस्कारों का केंद्र है। साथ ही ज्ञान श्रद्धा, संयम और समर्पण के माध्यम से प्राप्त होता है।

मानव जीवन एक यात्रा है | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Bhagwad Geeta | Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज ने इस बात को स्पष्ट किया कि मानव जीवन एक यात्रा है। साथ ही स्वाध्याय और ज्ञान यज्ञ का महत्व भी बताया।

पूर्णता का अनुभव कब होता है? | Swami Satyamitranand Ji Maharaj | Bhagavad Gita Pravachan

भारत माता की इस प्रस्तुति मे स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज ने इस बात को स्पष्ट किया कि संसार की समस्त जानकारी का अर्जन संभव नहीं है, लेकिन सच्चा ज्ञान ही हमें जीवन को सच्चे अर्थों में समृद्ध और पूर्ण बना सकता है।