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अद्भुत, अतुलनीय एवं अनुकरणीय भारत

भारत माता: भारतीय संस्कृति, इतिहास, धर्म का दर्पण

सम्पूर्ण विश्व तथा मुख्य रूप से राष्ट्र के भविष्य की निर्माता - युवा शक्ति को भारतीय इतिहास एवं भव्य संस्कृति से परिचित कराने के लिए भारत समन्वय परिवार व भारत माता चैनल पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। भारतमाता के प्रति अपार श्रद्धा एवं समर्पण के दैदीप्यमान प्रतीक तथा भारतीय धर्मजगत के सशक्त स्तम्भ परम पूजनीय स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज की ओजस्वी वाणी से प्रस्फुटित अमृत वचनों द्वारा जनमानस को प्रेरित करने के लिए भी हम पूर्णतः समर्पित हैं। स्वधर्म एवं सौराष्ट्र का प्रतिष्ठापन करने वाले सरल हृदय एवं तपोनिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज( स्वामी जी महाराज ) का प्रभामंडित स्वर वो प्रेरणादायी स्त्रोत है जिसमें भारत का प्राचीन गौरव महान ऋषियों, संतों, व धर्म गुरुओं की दिव्य वाणी आधुनिक युग के निर्माता स्वामी विवेकानंद तथा स्वामी रामतीर्थ का समन्वित व्यक्तित्व साकार हो गया है। जगत की अमूल्य धरोहर के रूप में प्रतिष्ठापित भारतीय इतिहास एवं संस्कृति तथा परम श्रद्धेय गुरूवाणी को जगत कल्याण के लिए भारत समन्वय परिवार आप सबके समक्ष प्रस्तुत कर रहा है। भारत समन्वय परिवार सदैव ही भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को जनमानस के ह्रदय रुपी सागर में उदित करने के लिए तत्पर है। अपनी इस भावधारा से हमने कुछ महत्वपूर्ण विषयों को इसमें समाहित किया है,

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 Bharat Mata | भारत माता - Indian Culture and history

संग्रह

भारत भ्रमण

धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल - नींव से लेकर निर्माण तक


भारत समन्वय परिवार पूरे विश्व और विशेषकर राष्ट्र के भविष्य निर्माता युवा शक्ति को भारत के विशाल इतिहास और भव्य संस्कृति से परिचित कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

हिन्दू पंचांग

हिन्दू पञ्चाङ्ग का वास्तविक अर्थ उन सभी प्रकार के पञ्चाङ्गों से है, जो परम्परागत रूप प्राचीन काल से भारत में प्रयुक्त होते आ रहे हैं। विक्रम संवत पर आधारित भारत माता पंचांग वह सूची है जिसमे वर्ष के समस्त सरकारी, राष्ट्रीय अवकाश, और क्षेत्रीय अवकाश समेत सभी व्रत, त्योहार एवं महत्वपूर्ण तिथियाँ सम्मिलित हैं। इस पंचांग के द्वारा आप प्रतिदिन तिथि के साथ पक्ष, नक्षत्र, और पारंपरिक विक्रम संवत तिथियों की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। अपनी सुविधा के लिए आप इस पंचांग को पीडीएफ के रूप में डाउनलोड भी कर सकते हैं।

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ब्लॉग

Swami Satyamitranand Giri Ji Maharaj was a spiritual guru

आध्यात्मिक यात्रा

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज

सनातन परंपरा के संतों में सहज, सरल और तपोनिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का नाम उन संतों में लिया जाता है, जहां से कोई भी पद या पुरस्कार छोटा मिलता है। तन, मन और वचन से परोपकारी संत सत्यमित्रानंद आध्यात्मिक निजी के धनी थे। उनका जन्म 19 सितम्बर 1932 को आगरा के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

स्वामी सत्यमित्रानंद को 29 अप्रैल, 1960 को अक्षय तृतीया के दिन लगभग 26 वर्ष की आयु में भानपुरा पृच्छा का पुरावशेष बनाया गया था। स्वामी सदानंद जी महाराज ने उन्हें संत दिवस दिया। करीब नौ साल तक धर्म और मानव के निमित्त सेवा कार्य करने के बाद उन्होंने 1969 में जिस दंड को धारण करने की क्षमता से ही 'नरो नारायणो भवेत्' का ज्ञान हो गया, उसे गंगा में विसर्जित कर दिया।

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आध्यात्मिक यात्रा

स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज

परम पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज आध्यात्मिक गुरु, संत, लेखक और दार्शनिक हैं। स्वामी जी जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर हैं। स्वामी अवधेशानंद गिरि जी ने लगभग दस लाख नागा साधुओं को दीक्षा दी है और वे उनके पहले गुरु हैं। स्वामी जी ने मात्र 17 वर्ष की आयु में सन्यास के लिए घर त्याग दिया था। घर छोड़ने के बाद उनकी भेंट अवधूत प्रकाश महाराज से हुई। स्वामी अवधूत प्रकाश महाराज योग और वेदशास्त्र के विशेषज्ञ थे। स्वामी अवधेशानंद जी ने उनसे वेदांत दर्शन और योग की शिक्षा ली।

गहन अध्ययन और तप के बाद वर्ष 1985 में स्वामी अवधेशानंद जी जब हिमालय की कन्दराओं से बाहर आए तो उनकी भेंट अपने गुरु, पूर्व शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज से हुई। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज से उन्होंने सन्यास की दीक्षा ली और अवधेशानंद गिरि के नाम से जूना अखाड़ा में प्रवेश किया।

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Swami Avdheshanand Giri ji Maharaj ji - Bharat Mata